Delhi Excise Case: के कविता और आप नेताओं के बीच हुआ 100 करोड़ का लेनदेन, ईडी ने किया खुलासा

Delhi Excise Case: के कविता को ईडी ने पिछले दिनों गिरफ्तार किया था. इसे बाद से वह जांच एजेंसी की हिरासत में हैं. इस बीच ईडी ने लेनदेन को लेकर बड़ा खुलासा किया है.

By Amitabh Kumar | March 19, 2024 9:42 AM
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Delhi Excise Case: तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को पिछले दिनों गिरफ्तार किया है. इसके बाद जांच एजेंसी ईडी ने सोमवार को कथित शराब नीति घोटाले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को उनके सह-साजिशकर्ता के रूप में शामिल किया है. आरोप लगाया गया है कि के कविता ने अन्य लोगों के साथ मिलकर, दिल्ली की एक्साइज पॉलिसी के निर्माण और कार्यान्वयन में लाभ पाने के लिए साजिश रची. इसमें उनका साथ अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया ने दिया. बता दें कि जांच एजेंसी ईडी ने 15 मार्च की शाम हैदराबाद से के कविता को गिरफ्तार किया था जिसके बाद उन्हें दिल्ली की एक कोर्ट ने 23 मार्च तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया था. अभी वह जांच एजेंसी की हिरासत में हैं और उनसे पूछताछ की जा रही है.

100 करोड़ रुपये का भुगतान के कविता की ओर से किया गया

जांच एजेंसी ईडी की ओर से कहा गया है कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं को के कविता की ओर से 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. यह भुगतान के कविता को हुए लाभ के बाद किया गया. इस बीच ‘आप’ ने ईडी के दावों का खंडन किया है. पार्टी की ओर से कहा गया है कि इससे पहले भी जांच एजेंसी की ओर से कई दावे किये गये थे जो बाद में झूठे साबित हुए. इससे यह पता चला है कि ईडी कोई निष्पक्ष जांच एजेंसी नहीं है बल्कि वह बीजेपी के इशारों पर काम कर रही है. ये लोग अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की छवि को खराब करने का प्रयास कर रहे हैं जिसमें कामयाबी नहीं मिलने वाली है.

शराब कारोबारियों की ‘साउथ ग्रुप’

ईडी की ओर से दावा किया गया था कि के कविता शराब कारोबारियों की लॉबी ‘साउथ ग्रुप’ से जुड़ी हुई थीं. दिल्ली एक्साइज पॉलिसी 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन में ‘भ्रष्टाचार व साजिश’ से, आम आदमी पार्टी को थोक विक्रेताओं से रिश्वत के रूप में लगातार पैसा मिला जो अवैध था. कविता और उसके सहयोगियों को अग्रिम भुगतान की गई. एजेंसी ने आगे कहा कि अपराध की आय की वसूल करनी थी. इस पूरी साजिश से अपराध की आय या यूं कहें कि मुनाफे को बढ़ाना था.

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