Delhi Govt: दिल्ली में प्रदूषण एक बड़ी समस्या है. दिल्ली की सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए विभिन्न स्तर पर काम कर रही है. यमुना की सफाई के साथ ही सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है. पुराने वाहनों को लेकर भी सख्ती बरतने का फैसला लिया गया है और एक जुलाई से ऐसे वाहनों को तेल नहीं देने का फैसला लागू होगा.
दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन सेवा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और परिवहन मंत्री पंकज सिंह ने 100 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. हालांकि इन बसों के भगवा रंग होने पर राजनीति तेज हो गयी है. विपक्ष ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार राजनीतिक फायदे के लिए बसों का रंग भगवा किया है. इस बारे में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में सभी राज्यों के लोग रहते हैं.
रंग किसी व्यक्ति से जुड़ा नहीं है और आने वाले समय में दूसरे रंग की बस भी शुरू होगी. दिल्ली सरकार ग्रामीण इलाकों में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए देवी योजना शुरू की है. देवी योजना के तहत इलेक्ट्रिक बसों की लंबाई 9 मीटर लंबी हैं और यह छोटे सड़कों पर आसानी से चल सकेगी. परिवहन मंत्री पंकज सिंह ने कहा कि दिल्ली सरकार जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए ईवी नीति लाने की तैयारी कर रही है. सार्वजनिक परिवहन सेवा को बेहतर बनाने के लिए नये बस टर्मिनल और देवी बसों का संचालन किया जा रहा है.
चार्जिंग स्टेशन और पार्किंग की होगी पर्याप्त व्यवस्था
इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन और पार्किंग की उचित व्यवस्था की गयी है. ताकि इन बसों के चार्जिंग में किसी तरह की समस्या नहीं हो. साथ ही ड्राइवर और कंडक्टर के लिए आराम करने की भी व्यवस्था की गयी. दिल्ली सरकार आने वाले समय में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को पूरी तरह इलेक्ट्रिक करने के लिए संकल्पित है. इससे प्रदूषण को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगा.
सार्वजनिक परिवहन को पूरी तरह इलेक्ट्रिक करने के बाद निजी वाहनों के लिए मुहिम तेज की जाएगी. इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री को प्राथमिकता दी जायेगी. दिल्ली में वायु प्रदूषण में वाहनों से होने वाले प्रदूषण का योगदान काफी अधिक होता है. सरकार प्राथमिकता के आधार पर प्रदूषण से निपटने का काम कर रही है. देवी बसाें के अलावा दिल्ली सरकार डीटीसी के बेड़े से पुराने वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने का काम शुरू कर दिया है. अगले कुछ महीने में डीटीसी के बेड़े में इलेक्ट्रिक बसों का बेड़ा शामिल होगा.
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