Also Read: कोरोना काल में दिल्ली सरकार ने 2.2 लाख कर्मचारियों-पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते पर लगाई रोक
हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में पहले ही यह साफ कर दिया है कि सरकार की ओर से पूर्व में घोषित 1 जनवरी 2020 से महंगाई भत्ता में वृद्धि प्राप्त करने का संबंध अधिकार से है, लेकिन यह सरकार को तय करना है कि वह उसे कब खारिज करती है. अदालत ने आगे कहा कि इसमें केंद्र सरकार पर कानून में कोई बाध्यता नहीं है कि वह समयबद्ध तरीके से महंगाई भत्ते/महंगाई राहत में वृद्धि को रोक दे. इन कारणों से हमें इस याचिका में कोई योग्यता नहीं मिलती है और उसी के आधार पर इसे खारिज किया जाता है.
अदालत ने कहा कि ऑल इंडिया सर्विसेज (महंगाई भत्ता) नियम, 1972 के नियम 3 में केंद्र को यह अधिकार दिया गया है कि वह उन शर्तों को लागू कर सकता है, जिनके लिए महंगाई भत्ता निकाला जा सकता है. याचिका में वित्त मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना को वापस लेने के लिए केंद्र को निर्देश देने की भी मांग की गयी थी.
बता दें कि देश में फैले कोविड-19 महामारी को लेकर केंद्र सरकार की ओर से बीते 23 अप्रैल को जारी किये गये ज्ञापन में यह कहा गया था कि 1 जनवरी 2020 से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को देय महंगाई भत्ते की अतिरिक्त किस्त का भुगतान नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही, इसमें यह भी कहा गया था कि 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 से महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्तों का भी भुगतान नहीं किया जाएगा. हालांकि, मौजूदा दरों पर महंगाई भत्ता और महंगाई राहत का भुगतान जारी रहेगा.
Posted By : Vishwat Sen