Delhi: मोहल्ला क्लीनिक को लेकर आप और भाजपा सरकार में बढ़ी तकरार

दिल्ली की भाजपा सरकार ने किराए पर चल रहे 250 मोहल्ला क्लीनिक को बंद करने का फैसला लिया है. यही नहीं जांच में पता चला है कि कई मोहल्ला क्लीनिक कागजों पर चल रहे हैं और इसके लिए हर क्लीनिक को 20-25 हजार रुपये महीने किराए का भुगतान किया जा रहा है. यही नहीं बिजली बिल का भुगतान भी अलग से किया जा रहा है. मामला सामने आने के बाद भाजपा सरकार ने ऐसे मोहल्ला क्लीनिक को बंद करने का निर्णय लिया है.

By Vinay Tiwari | March 7, 2025 6:38 PM
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Delhi: दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक में बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर आयी कैग रिपोर्ट के बाद से राजनीति तेज हो गयी है. कैग रिपोर्ट में मोहल्ला क्लीनिक में बुनियादी सुविधा, दवा और कई तरह की कमियों की बात सामने आयी है. दिल्ली में लगभग 250 मोहल्ला क्लीनिक किराए पर चल रहे हैं. दिल्ली की भाजपा सरकार ने किराए पर चल रहे 250 मोहल्ला क्लीनिक को बंद करने का फैसला लिया है. यही नहीं जांच में पता चला है कि कई मोहल्ला क्लीनिक कागजों पर चल रहे हैं और इसके लिए हर क्लीनिक को 20-25 हजार रुपये महीने किराए का भुगतान किया जा रहा है. यही नहीं बिजली बिल का भुगतान भी अलग से किया जा रहा है. मामला सामने आने के बाद भाजपा सरकार ने ऐसे मोहल्ला क्लीनिक को बंद करने का निर्णय लिया है.

भाजपा सरकार के मोहल्ला क्लीनिक बंद करने के फैसले की आम आदमी पार्टी ने आलोचना की है. आम आदमी पार्टी का कहना है कि दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लीनिक बंद करने के फैसले से दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल असर पड़ेगा. दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एवं आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा सरकार को बुनियादी स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए मोहल्ला क्लीनिक की संख्या को बढ़ाना चाहिए. 


मोहल्ला क्लीनिक बंद करने की साजिश कर रही भाजपा


पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि मोहल्ला क्लीनिक का मकसद आम लोगों को प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल जाने से रोकना था. आप सरकार की कोशिश थी कि आम लोग बुनियादी स्वास्थ्य सुविधा के लिए घर के पास ही चिकित्सा सुविधा मिल सके. दिल्ली में मौजूदा समय में मोहल्ला क्लीनिक की संख्या 550 है और इन्हें बंद करना एक सरकार के लिए सही नहीं होगा. बंद करने की बजाय दिल्ली सरकार को मोहल्ला क्लीनिक का विस्तार करना चाहिए.

जैन ने कहा कि इसे बंद करने से दिल्ली के आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों को नुकसान होगा. औसतन 7500 मरीज रोजाना इलाज के लिए मोहल्ला क्लीनिक जाते हैं और इसे बंद करने से शहर की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा. मौजूदा सरकार इसे बंद करने के लिए बहाने बना रही है. गौरतलब है कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह ने गुरुवार को 250 मोहल्ला क्लीनिक बंद करने की बात कही थी.

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