Delhi Vidhan Sabha:दिल्ली विधानसभा का पहला सत्र चल रहा है. इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कई मुद्दों को लेकर तकरार जारी है. विपक्ष के हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता आप के 21 विधायकों को शुक्रवार तक निलंबित कर दिया है. गुरुवार को विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने के लिए जब आप विधायक विधानसभा सभा पहुंचे तो सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें बाहर ही रोक दिया. सिर्फ आप विधायक अमानतुल्ला खान को विधानसभा परिसर में जाने की इजाजत मिली.
विधानसभा परिसर के अंदर जाने से रोके जाने पर विपक्ष की नेता आतिशी की सुरक्षाकर्मियों से बहस हुई. आतिशी ने सुरक्षाकर्मियों से आदेश की कॉपी दिखाने को कहा. इसके बाद आप के विधायक विधानसभा गेट पर ही धरने पर बैठ गए और मौजूदा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. आतिशी ने कहा कि भाजपा की सरकार बनते ही तानाशाही शुरू हो गयी है. दिल्ली के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि चुने गए विधायकों को विधानसभा परिसर के अंदर जाने से रोका गया हो. गौरतलब है कि 25 फरवरी को विधानसभा में हंगामा करने के कारण आप के 21 विधायकों को तीन दिन के लिए निलंबित कर दिया गया था. खान ने इस मामले को विधानसभा में उठाया.
कैग रिपोर्ट से ध्यान भटकाने के लिए आप कर रही है ड्रामा
दिल्ली विधानसभा में तीसरे दिन कार्यवाही शुरू होते हुए पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए दो मिनट का मौन रखा गया. इसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई. इस दौरान सदन में पेश कैग रिपोर्ट पर चर्चा शुरू हुई. भाजपा सदस्यों ने आबकारी नीति के जरिये आप सरकार के दौरान किए गए भ्रष्टाचार के लिए केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा. दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा ने चर्चा के दौरान कहा कि कोरोना संकट के दौरान केजरीवाल सरकार ने दो पाप किए.
पहला संकट के दौरान शीश महल का निर्माण कराया और दूसरा पूर्वांचली लोगों को दिल्ली से बाहर करने के लिए अफवाह फैलाया. दिल्ली शराब घोटाले का जिक्र करते हुए कहा कि तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने संविधान का उल्लंघन कर शराब घोटाले को अंजाम दिया. इसका जिक्र मुख्य सचिव के लिए पत्र में किया गया है. भाजपा विधायकों ने आप सरकार पर मोहल्ला क्लिनिक के नाम पर भी दिल्ली के लोगों को ठगने का आरोप लगाया. विधायकों ने कहा कि आप सरकार के हर विभाग में भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया. यही वजह रही कि संविधान को ताक पर रखकर आप सरकार ने कैग रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर पेश नहीं होने दिया. आम आदमी पार्टी के नेता पाप को छुपाने के लिए विधानसभा में अराजकता पैदा करना चाहते हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि विधानसभा कानून के हिसाब से चलेगा.