एयर इंडिया की ओर से कोई बयान नहीं
फ्लाइट के चालक दल के एक मेंबर ने DGCA को शिकायत दी थी कि पायलट ने अपनी महिला मित्र को कॉकपिट में आने की अनुमति दी थी. डीजीसीए के अधिकारी ने बताया कि घटना की जानकारी समय पर नहीं देने के लिए एयर इंडिया के सीईओ और एविएशन सिक्योरिटी के चीफ को 21 अप्रैल के दिन ही कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया था. फ्लाइट के दौरान सिक्योरिटी रूल्स का उल्लंघन किया गया था. अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा मामले की जांच में भी देरी की गई. दोनों अधिकारियों को नोटिस का जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है. एयर इंडिया की ओर से फिलहाल कोई बयान सामने नहीं आया है.
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अनधिकृत लोगों को कॉकपिट में प्रवेश करने की अनुमति नहीं
सूत्रों ने मामले पर बात करते हुए बताया कि- यह घटना 27 फरवरी की है और कैम्पबेल और डोनोहो को 3 मार्च को इसकी सूचना दी गई. डीजीसीए ने पहली पूछताछ 21 अप्रैल को की वहीं, एयर इंडिया ने उससे पहले ऐसी कोई पूछताछ नहीं की थी. डीसीईए ने इसी महीने एयर इंडिया को जांच पूरी होने तक चालक दल के सभी सदस्यों को ड्यूटी (रोस्टर) से हटाने का निर्देश दिया था. विमानन कंपनी ने 21 अप्रैल को कहा था कि उसने उस कथित घटना को गंभीरता से लिया था और मामलों की जांच चल रही है. अनधिकृत लोगों को कॉकपिट में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होती है और ऐसा होने पर इसे नियमों का उल्लंघन माना जाता है.
एयर इंडिया पर लग चुका है जुर्माना
यह साल एयर इंडिया के लिए काफी उतार चढाव भरा रहा है. इसी साल की शुरुआत में एयर इंडिया पर 30 लाख और 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था. बता दें यह दोनों जुर्माने कथित पेशाब मामले में लगाए गए थे. (भाषा इनपुट के साथ)