दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में ‘आप’ के चार सदस्यीय शिष्टमंडल ने बुधवार शाम निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मिलकर उन्हें इस आशय का ज्ञापन सौंपा था. इससे पहले आप ने निर्वाचन सदन के समक्ष प्रदर्शन भी किया था. भाजपा ने इन आरोपों से इंकार किया है और केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने अरविंद केजरीवाल नीत आम आदमी पार्टी (आप) पर आरोप लगाया कि वह अपने खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही है.
कंचन जरीवाला का भाजपा के कहने पर अपहरण
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि उसके उम्मीदवार कंचन जरीवाला का भाजपा के कहने पर अपहरण कर लिया गया और नाम वापस लेने को मजबूर किया गया क्योंकि उसे (भाजपा) गुजरात विधानसभा में सूरत (पूर्व) सीट पर हार का ‘डर’ था. उपमुख्यमंत्री ने विधानसभा सीट पर चुनाव प्रक्रिया को रोकने और मामले की निष्पक्ष जांच पूरी होने तक मतदान नहीं कराने की मांग की है.निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि ‘आप’ का ज्ञापन जांच और समुचित कार्रवाई के लिए गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेज दिया गया है. सिसोदिया ने दावा किया कि जरीवाला अभी भी ‘‘गुमशुदा” हैं और उनकी जान को खतरा है. लेकिन, सूरत शहर में भाजपा के अध्यक्ष निरंजन जंजमेरा ने आरोपों से इंकार किया और कहा कि ‘आप’ को ‘‘पहले अपना घर देखना चाहिए.”
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जरीवाला ने एक वीडियो बयान जारी किया
वहीं, जरीवाला ने भी एक वीडियो बयान जारी करके स्पष्ट कहा है कि उन्होंने बिना किसी दबाव के नाम वापस लिया है. उन्होंने कहा है कि ‘आप’ की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने पर विधानसभा क्षेत्र के लोग उन्हें ‘राष्ट्र विरोधी’ और ‘गुजरात विरोधी’ कहने लगे थे, इसलिए उन्होंने अपने मन की सुनते हुए पर्चा वापस लिया है. ‘आप’ के ज्ञापन में निर्वाचन आयोग से अनुरोध किया गया है कि वह नाम वापसी का जरीवाला का आवेदन स्वीकार ना करे और दावा किया है कि यह अर्जी ‘‘धमकी और दबाव” में आकर दी गयी है.
चुनाव के लिए फिर से कार्यक्रम जारी किया जाए
मामले की जांच के लिए दबाव बनाने का प्रयास करते हुए सिसोदिया ने मांग की कि अगर भाजपा दोषी पायी जाती है तो सीट पर चुनाव के लिए फिर से कार्यक्रम जारी किया जाए. मीडिया से बात करते हुए सिसोदिया ने आरोप लगाया कि भाजपा ने पहले बेकार की आपत्ति करके नामांकन रद्द करवाने, उम्मीदवार के प्रस्तावकों को धमकी देकर एवं दबाव बनाकर आप उम्मीदवार के नामांकनपत्र पर से हस्ताक्षर वापस लेने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि सूरत (पूर्व) के निर्वाचन अधिकारी ने ‘‘पूरी निष्पक्षता” से आपत्तियों को खारिज कर दिया और आप उम्मीदवार जरीवाला का नामांकन स्वीकार कर लिया.