Disaster Management: केंद्र ने बिहार के लिए 588 करोड़ रुपये अतिरिक्त फंड किया आवंटित

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति ने प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए वर्ष 2024 के दौरान बाढ़, आकस्मिक बाढ़, बादल फटने, भूस्खलन, चक्रवाती तूफान से प्रभावित बिहार, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु और पुडुचेरी को 1280.35 करोड़ रुपये की अतिरिक्त केंद्रीय सहायता की मंजूरी दी है.

By Anjani Kumar Singh | April 5, 2025 5:29 PM
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Disaster Management: देश में प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रहे हैं. आपदा से निपटने के लिए केंद्र सरकार राज्यों को वित्तीय मदद मुहैया कराती है. केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति ने वर्ष 2024 के दौरान बाढ़, आकस्मिक बाढ़, बादल फटने, भूस्खलन, चक्रवाती तूफान से प्रभावित बिहार, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु और पुडुचेरी को 1280.35 करोड़ रुपये की अतिरिक्त केंद्रीय सहायता की मंजूरी दी है. 

उच्चस्तरीय समिति ने राष्ट्रीय आपदा मोचन निधि (एनडीआरएफ) से तीन राज्यों को 1247.29 करोड़ रुपये और एक केंद्रशासित प्रदेश को 33.06 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता को मंजूरी दी. केंद्र द्वारा स्वीकृत 1280.35 करोड़ रुपये की कुल राशि में से बिहार के लिए 588.73 करोड़ रुपये, हिमाचल प्रदेश के लिए 136.22 करोड़ रुपये, तमिलनाडु के लिए 522.34 करोड़ रुपये और केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी के लिए 33.06 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं. 


आपदा से हुए नुकसान से निपटने में मिलेगी मदद

यह अतिरिक्त सहायता केंद्र द्वारा राज्यों को एसडीआरएफ और केंद्र शासित प्रदेश आपदा मोचन कोष में जारी की गई धनराशि के अतिरिक्त है. वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान केंद्र सरकार ने एसडीआरएफ के तहत 28 राज्यों को 20264.40 करोड़ रुपये और एनडीआरएफ के तहत 19 राज्यों को 5160.76 करोड़ रुपये जारी किए हैं. इसके अतिरिक्त, राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (एसडीएमएफ) से 19 राज्यों को 4984.25 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष (एनडीएमएफ) से 8 राज्यों को 719.72 करोड़ रुपये भी जारी किए गए हैं. केंद्र सरकार ने औपचारिक ज्ञापन का इंतजार किए बिना आपदाओं के तुरंत बाद इन राज्यों में अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीमों को भेज दिया था. 


गौरतलब है कि प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए केंद्रीय टीम राज्यों का दौरा करती है. इस दौरान राज्य सरकार के अधिकारियों से भी चर्चा की जाती है. इसके बाद केंद्रीय टीम नुकसान के आकलन का रिपोर्ट तैयार करती है और रिपोर्ट के आधार पर केंद्र राज्यों को वित्तीय मदद मुहैया कराता है. 

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