Domestic Violence: घरेलू हिंसा मामले में नहीं होगी दो महीने तक गिरफ्तारी, 498A पर HC के गाइडलाइन को SC की मंजूरी

Domestic Violence: धारा 498 ए (घरेलू हिंसा) पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अहम फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498A (क्रूरता अपराध) की शिकायतों में 2 महीने के दौरान कोई गिरफ्तारी नहीं होगी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धारा 498 ए के दुरुपयोग को रोकने के लिए जो गाइडलाइन बनाया था, उसे भी सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी है.

By ArbindKumar Mishra | July 24, 2025 12:13 AM
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Domestic Violence: सुप्रीम कोर्ट ने घरेलू हिंसा के जुड़े मामले पर सुनवाई करते हुए बुधवार को कहा, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498 ए की शिकायतों में 2 महीने की शांति अवधि (कुलींग पिरियड) के दौरान कोई गिरफ्तारी नहीं होगी. इस बीच मामला परिवार कल्याण समिति के पास भेजा जाएगा. जो दोनों पक्षों के बीच सुलह का प्रयास करेगी.

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा और कहा, अब धारा 498 ए मामलों में पुलिस तुरंत गिरफ्तारी नहीं कर पाएगी. कोर्ट ने कहा, गिरफ्तारी दो महीने के बाद ही संभव हो पाएगी, वो भी समिति की रिपोर्ट के आधार पर.

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सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के दिशा निर्देशों को भी मंजूरी दी

सुप्रीम कोर्ट ने घरेलू हिंसा मामले में धारा 498 ए पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जो दिशा निर्देश दिया था, उसे भी सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी. सुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी की धारा 498 ए के दुरुपयोग को रोकने के लिए हाईकोर्ट के गाइडलाइन को मंजूरी देते हुए कहा, अब हर जिले में परिवार कल्याण समिति बनेगी और शिकायत दर्ज होने के दो महीने के अंदर कोई गिरफ्तारी नहीं होगी.

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क्या है आईपीसी की धारा 498ए?

महिलाओं को घरेलू हिंसा से बचाने के लिए आईपीएसी की धारा 498ए को बनाई गई थी. खास कर दहेज उत्पीड़न से जुड़े मामले को ध्यान में रखकर. लेकिन इस धारा का दुरुपयोग भी होने लगा था. जैसे व्यक्तिगत प्रतिशोध और ब्लैकमेलिंग के लिए इस धारा का दुरुपयोग किया जाने लगा है. कोर्ट ने भी इस धारा पर कई बार चिंता जताई है. वर्तमान कानून भारतीय न्याय संहिता में यह धारा 85 के रूप में मौजूद है.

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