President Election: राष्ट्रपति पद की दौड़ में द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) की उम्मीदवारी को केवल ‘राजनीतिक चश्मे’ से नहीं देखें. राजनीति से ऊपर उठकर उनका समर्थन करें. केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा (Arjun Munda) ने बृहस्पतिवार को सभी आदिवासी विधायकों, सांसदों और दलों से यह अपील की. उन्होंने आग्रह किया कि सभी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करें.
अर्जुन मुंडा ने पीएम मोदी को दिया धन्यवाद
शीर्ष संवैधानिक पद के लिए एक आदिवासी महिला को नामित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नड्डा को धन्यवाद देते हुए, अर्जुन मुंडा ने कहा, ‘यह निर्णय उन राजनीतिक दलों को बेनकाब करता है, जिन्होंने आदिवासियों के बारे में बहुत सारी बातें कीं. खुद के आदिवासी कल्याण के ध्वजवाहक होने का दावा किया, लेकिन उनके लिए किया कुछ नहीं. हमारे प्रधानमंत्री उनके बारे में बेहद संवेदनशील हैं.’
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द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी को राजनीतिक चश्मे से न देखें
द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी को ‘राजनीति के चश्मे’ से नहीं देखने की नेताओं से अपील करते हुए अर्जुन मुंडा ने कहा, ‘उन्हें पहले आदिवासी के रूप में देखा जाना चाहिए. और इसलिए, सभी को आगे आना चाहिए और अपना सम्मान व्यक्त करना चाहिए….’ ओड़िशा के पिछड़े क्षेत्र मयूरभंज से आने वाली मुर्मू को मृदुभाषी और मिलनसार नेता माना जाता है.
2017 में भी द्रौपदी के नाम पर हुई थी चर्चा
द्रौपदी मुर्मू ने पार्टी में विभिन्न पदों पर कार्य किया है और राज्य में बीजू जनता दल के साथ पार्टी के गठबंधन के दौरान वह मंत्री भी रहीं. संयोग से, उनके नाम पर वर्ष 2017 में भी शीर्ष संवैधानिक पद के लिए भाजपा की संभावित पसंद के रूप में चर्चा हुई थी, लेकिन तब पार्टी ने राम नाथ कोविंद को इस पद के दावेदार के तौर पर चुना था.