Earthquake In Ladakh: आधी रात कांपी धरती, लद्दाख में महसूस हुए भूकंप के तेज झटके

Earthquake In Ladakh: देर रात लद्दाख, नेपाल, मध्य प्रदेश और बंगाल की खाड़ी में धरती हिल गई. महज 48 घंटों के भीतर इन इलाकों में भूकंप के झटकों ने लोगों को घरों से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया. लद्दाख में बुधवार-गुरुवार की रात 3.5 तीव्रता का भूकंप आया, जो इस साल का 29वां झटका था.

By Ayush Raj Dwivedi | May 22, 2025 10:29 AM
an image

Earthquake In Ladakh: जब पूरा देश गहरी नींद में सो रहा था तब लद्दाख, नेपाल, मध्य प्रदेश और बंगाल की खाड़ी में धरती कांपी है. रात के सन्नाटे को भूकंप के झटकों ने तोड़ा और लोगों को घरों से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, यह सब एक ही सप्ताह में नहीं, बल्कि महज 48 घंटों के भीतर हुआ.

लद्दाख में फिर कांपी धरती, इस साल का 29वां भूकंप

बुधवार-गुरुवार रात करीब 11:46 बजे लद्दाख के लेह में रिक्टर स्केल पर 3.5 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया. इसका केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई में था. लोग झटकों के बाद घरों से बाहर निकल आए और पूरी रात खुले में बिताई. यह 2025 का लद्दाख में 29वां भूकंप है जिसमें तीव्रता 2 से अधिक रही है. इससे पहले 14 मार्च को 5.1 और 1 अप्रैल को 4.2 तीव्रता के भूकंप आ चुके हैं. लद्दाख सिस्मिक जोन-IV में आता है और लगातार टेक्टोनिक गतिविधियों के चलते संवेदनशील बना हुआ है.

नेपाल में भी महसूस किए गए झटके

22 मई की तड़के 01:43 बजे, नेपाल में 3.2 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। इसका केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई में था. नेपाल भी हिमालय क्षेत्र में स्थित है और समय-समय पर यहां हल्के से मध्यम तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं.

मध्य प्रदेश के बैतूल में कंपन

इसी रात 2:59 बजे, मध्य प्रदेश के बैतूल में 2.8 तीव्रता का भूकंप आया. इसका केंद्र 5 किलोमीटर गहराई में था. हालांकि, इससे किसी नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन लगातार हो रही गतिविधियों ने विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है.

बंगाल की खाड़ी में आया 4.4 तीव्रता का भूकंप

20 मई को दोपहर 3:15 बजे, बंगाल की खाड़ी में 4.4 तीव्रता का भूकंप आया. इसका केंद्र भी 10 किलोमीटर की गहराई में था. हालांकि, यह समुद्र क्षेत्र में होने के कारण तटीय इलाकों में झटके ज्यादा महसूस नहीं हुए.

विशेषज्ञों की चेतावनी और प्रशासन की अपील

विशेषज्ञों का कहना है कि हिमालयी क्षेत्र की प्लेट टेक्टोनिक गतिविधियां लगातार सक्रिय हैं. जिससे छोटे भूकंप नियमित हो सकते हैं, लेकिन ये कभी-कभी बड़े झटकों की चेतावनी भी हो सकते हैं. स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें. भूकंप-रोधी भवन निर्माण मानकों का पालन करें और आपातकालीन स्थिति में सुरक्षित स्थानों की जानकारी रखें.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version