आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ईडी ने श्रीनगर के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में याचिका दाखिल की है, जिसमें जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में कथित वित्तीय अनियमितताओं के मामले में भारतीय दंड संहिता की धाराएं 411 (चोरी की संपत्ति बेईमानी से हासिल करना) और 424 (धोखाधड़ी से संपत्ति छिपाना या हटाना) जोड़ने का अनुरोध किया गया है.
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ईडी ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब 14 अगस्त को जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने फारूक अब्दुल्ला और अन्य के खिलाफ जेकेसीए मामले में दायर आरोपपत्र को खारिज कर दिया था. यदि अदालत ईडी की याचिका को स्वीकार करती है और पीएमएलए के तहत अपराध की पुष्टि करती है, तो नई एफआईआर दर्ज की जा सकती है.
इससे पहले, जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने 14 अगस्त को फारूक अब्दुल्ला और अन्य के खिलाफ ईडी द्वारा दायर आरोपपत्रों को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इनके खिलाफ कोई विधेय अपराध सिद्ध नहीं होता है. हाई कोर्ट के आदेश में कहा गया कि ईडी द्वारा दायर आरोपपत्र और पूरक आरोपपत्र को रद्द किया जाता है. ईडी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, जेकेसीए के पूर्व कोषाध्यक्ष अहसान अहमद मिर्जा, मीर मंजूर गजनफर और अन्य को आरोपी बनाया था.
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