Education:नयी शिक्षा नीति का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सभी बच्चों को एक समान और समावेशी शिक्षा मिल सके. नयी शिक्षा नीति के तहत गुणवत्तापूर्ण, मातृभाषा में शिक्षा और विभिन्न शैक्षणिक क्षमताओं का ध्यान रखते हुए सीखने की प्रक्रिया को बेहतर बनाना है. समग्र शिक्षा के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को समग्र शिक्षा योजना के विभिन्न प्रावधानों के क्रियान्वयन के लिए वित्तीय सहायता मुहैया कराती है.
नयी शिक्षा नीति के तहत प्रारंभिक स्तर बच्चों को मुफ्त वर्दी, पाठ्यपुस्तकें, जनजातीय भाषा के पाठ्यपुस्तकों को मुहैया कराने का लक्ष्य है. स्कूल न जाने वाले बच्चों के लिए आयु के अनुसार विशेष प्रशिक्षण और बड़े बच्चों के लिए आवासीय और गैर-आवासीय प्रशिक्षण, विशेष प्रशिक्षण केंद्र, आयु के अनुसार आवासीय और गैर-आवासीय प्रशिक्षण, एनआईओएस, एसआईओएस के माध्यम से शिक्षा पूरी करने के लिए स्कूल न जाने वाले बच्चों (16 से 19 वर्ष) को सहायता, समग्र प्रगति कार्ड, द्विभाषी शिक्षण सामग्री और पुस्तकें मुहैया कराना है.
ग्रामीण क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता
नयी शिक्षा नीति के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उच्च माध्यमिक स्तर तक नए स्कूल खोलने, सुदृढ़ करने, स्कूल भवनों और अतिरिक्त कक्षाओं के निर्माण, वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत उत्तरी सीमावर्ती क्षेत्रों में स्कूल के बुनियादी ढांचे के विकास, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की स्थापना, उन्नयन और संचालन, नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालयों की स्थापना, पीएम-जनमन के तहत पीवीटीजी के लिए छात्रावास का निर्माण, एसटी आबादी के लिए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत छात्रावास का निर्माण, शिक्षक प्रशिक्षण को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं.
विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के मामले में बच्चों की पहचान और मूल्यांकन के लिए वित्तीय सहायता, सहायक उपकरण, ब्रेल किट और किताबें, उपयुक्त शिक्षण सामग्री और विकलांग छात्राओं को मासिक वृत्ति आदि प्रदान किया जा रहा है. इसमें स्कूलों में बाधा मुक्त पहुंच के लिए रैंप, हैंडरेल के साथ रैंप और विकलांगों के अनुकूल शौचालय जैसे दिव्यांगों के अनुकूल बुनियादी ढांचे के निर्माण का भी प्रावधान है. लोकसभा में पूछे गए एक सवाल में जवाब में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने यह जानकारी दी.