पंजाब के अन्य किसान नेताओं ने पहले ही चेतावनी दी थी कि यदि डल्लेवाल के साथ कुछ अनहोनी होती है, तो केंद्र सरकार स्थिति संभाल नहीं पाएगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, डल्लेवाल ने अपने करीबी सहयोगी काका सिंह कोटरा को संदेश भेजा है कि उनकी मृत्यु के बाद उनके शरीर को प्रदर्शन स्थल पर रखा जाए और एक अन्य नेता बिना भोजन के अनशन पर बैठे.
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डल्लेवाल 44 दिनों से केवल पानी पर निर्भर हैं और उन्होंने अपनी कैंसर की दवाएं भी लेना बंद कर दिया है. डॉक्टर गुरसिमरन बुट्टर ने उनकी गंभीर हालत की जानकारी दी. डॉक्टर कुलदीप कौर धालीवाल ने उनके सोडियम स्तर में कमी और लगातार गिरते ब्लड प्रेशर की बात कही है.
पीटीआई भाषा के अनुसार, ‘5 रिवर्स हार्ट एसोसिएशन’ के डॉक्टर अवतार सिंह ने बताया कि डल्लेवाल की स्थिति सोमवार शाम और बिगड़ गई, जिससे उनका रक्तचाप गिर गया और उन्हें उल्टी हुई. सरकारी चिकित्सकों की टीम ने भी उनकी सेहत की जांच की.
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किसान नेता कोहाड़ ने चेतावनी दी है कि यदि डल्लेवाल को कुछ हो जाता है, तो केंद्र सरकार की छवि पर स्थायी धब्बा लग सकता है. उन्होंने कहा कि ब्रिटिश शासन के दौरान भी ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी व्यक्ति ने आमरण अनशन किया हो और सरकार ने उस पर ध्यान न दिया हो.