भारत की पश्चिमी सीमा पर होगी तैनाती
भारतीय वायुसेना के बेड़े में पहले से ही अपाचे हेलीकॉप्टर है. ऐसे में ये तीनों अपाचे हेलीकॉप्टर भारतीय थल सेना के हाथों में सौंपे गए हैं. इसका संचालन 15 महीने पहले जोधपुर में स्थापित 451 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन करेगा. अपाचे हेलीकॉप्टर की पश्चिमी सीमा पर तैनाती से पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने में सेना को और भी आसानी होगी. जोधपुर के अलावा, देश में दो और पठानकोट और जोरहाट अपाचे स्क्वाड्रन एक्टिव है.
अपाचे हेलीकॉप्टर की खासियत
अपाचे हेलीकॉप्टर हवा से हवा में मार करने में माहिर है. यह एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस है, जिसमें नाइट विजन और थर्मल सेंसर लगाया गया है. इसकी वजह से यह लड़ाकू हेलीकॉप्टर अंधेरे और खराब मौसम में भी सटीक हमला करने में सक्षम है. इस हेलीकॉप्टर के जरिए 60 सेकंड में 128 टारगेट को निशाना बनाकर आसानी से नेस्तनाबूद किया जा सकता है. इसके अलावा, 625 राउंड प्रति मिनट की दर से गोलीबारी करने में माहिर है.
15 महीने के बाद हुई डिलीवरी
गौरतलब है कि अपाचे हेलीकॉप्टर की पहली डील साल 2015 में अमेरिका और बोइंग के साथ की गई थी, जिसमें 22 हेलीकॉप्टर की सप्लाई 2020 में हो गई थी. उसके बाद साल 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत का दौरा किया था. इस दौरान $600 मिलियन की दूसरी डील साइन की गई थी. इसकी सप्लाई मई-जून 2024 में होनी थी. लेकिन करीब 15 महीने के बाद 22 जुलाई को ये हेलीकॉप्टर शामिल हुए.