Former CJI Chandrachud: जानलेवा बीमारी से जूझ रही हैं जस्टिस चंद्रचूड़ की बेटियां, जानें कितना है खतरनाक

Former CJI Chandrachud: भारत के पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ की बेटियां दुर्लभ जेनेटिक बीमारी 'नेमालाइन मायोपैथी' से जूझ रही हैं. इलाज और विशेष देखभाल की जरूरत के चलते सरकारी आवास को अस्थायी ICU में बदला गया है.

By Ayush Raj Dwivedi | July 8, 2025 11:43 AM
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Former CJI Chandrachud: भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ इन दिनों सरकारी आवास खाली न करने को लेकर चर्चा में हैं. इस मुद्दे ने तब और भावुक मोड़ ले लिया जब उन्होंने इसकी वजह अपनी बेटियों की गंभीर बीमारी को बताया. उन्होंने कहा कि उनकी बेटियां प्रियंका और माही एक दुर्लभ और गंभीर जेनेटिक बीमारी – नेमालाइन मायोपैथी (Nemaline Myopathy) से पीड़ित हैं, जिसकी वजह से उन्हें हर वक्त विशेष चिकित्सा सुविधा की जरूरत होती है.

कौन-सी बीमारी से जूझ रही हैं बेटियां?

नेमालाइन मायोपैथी एक रेयर जेनेटिक मसल डिसऑर्डर है, जो मुख्यतः स्केलेटल मांसपेशियों को प्रभावित करता है. इसमें मांसपेशियों में धागे जैसी संरचनाएं (नेमालाइन बॉडीज) बन जाती हैं, जो सामान्य गति और कार्य क्षमता को बाधित करती हैं.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने हाल ही में एक वर्कशॉप में बताया कि उनकी बड़ी बेटी प्रियंका की स्थिति अधिक गंभीर है और वह ट्रेकियोस्टोमी ट्यूब पर निर्भर हैं. संक्रमण से बचाने के लिए उन्हें साफ-सुथरे, सुरक्षित और नियंत्रित वातावरण की जरूरत होती है, जिसे देखते हुए उनके सरकारी आवास को ICU जैसी सुविधा में बदला गया है.

इस बीमारी के लक्षण क्या होते हैं?

  • मांसपेशियों में कमजोरी – चलने, उठने-बैठने, बोलने और निगलने में दिक्कत
  • सांस लेने में तकलीफ – विशेषकर रात के समय
  • चेहरे की मांसपेशियों की कमजोरी – इमोशनलेस चेहरा, बोलने में कठिनाई
  • इंफेक्शन का खतरा – बार-बार संक्रमण होने की आशंका

कितनी खतरनाक है यह बीमारी?

यह बीमारी इतनी दुर्लभ है कि हजारों में किसी एक व्यक्ति को होती है. इसका कोई स्थायी इलाज फिलहाल मौजूद नहीं है. गंभीर मामलों में यह बीमारी जानलेवा हो सकती है, खासकर अगर मरीज को लगातार मेडिकल सपोर्ट न मिले

क्यों जरूरी है उनके लिए विशेष आवास?

जस्टिस चंद्रचूड़ के अनुसार, इस स्थिति में उनकी बेटियों की देखभाल के लिए ऐसा आवास जरूरी है, जिसमें मेडिकल सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हों. यही वजह है कि उन्होंने 5-कृष्ण मेनन मार्ग स्थित अपने पुराने सरकारी आवास को अब तक खाली नहीं किया है.

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