क्या होता है राइट टू रिजर्वेशन ? NEET रिजर्वेशन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बड़ी बात

Right to reservation, supreme court news : राइट टू रिजर्वेशन का मतलब होता है रिजर्वेशन का मौलिक अधिकार. सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि अनुच्छेद 16 के तहत मिलने वाला आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 16(4) और 16(4ए) के तहत आरक्षण का अधिकार राज्यों को देना है, लेकिन यह मौलिक अधिकार नहीं है. हालांकि कोर्ट के इस फैसले के बाद देशभर में इसको लेकर बवाल मचा था.

By AvinishKumar Mishra | June 11, 2020 1:51 PM
क्या होता है राइट टू रिजर्वेशन ? NEET रिजर्वेशन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बड़ी बात

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में होने वाले नीट मेडिकल परीक्षा में ओबीसी समुदाय को 50 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि आरक्षण कोई मौलिक अधिकार नहीं है, जिसे हम अनुच्छेद 32 का उपयोग कर सुनवाई कर सकते हैं. अदालत ने याचिकाकर्ता को इस मामले में हाईकोर्ट जाने के लिए कहा है. अदालत के इस फैसले के बाद आगामी नीट मेडिकल एग्जाम में तमिलनाडु के ओबीसी वर्ग को 50 प्रतिशत आरक्षण मिलने की राहें मुश्किल हो गई है.

राइट टू रिजर्वेशन- राइट टू रिजर्वेशन का मतलब होता है रिजर्वेशन का मौलिक अधिकार. सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि अनुच्छेद 16 के तहत मिलने वाला आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 16(4) और 16(4ए) के तहत आरक्षण का अधिकार राज्यों को देना है, लेकिन यह मौलिक अधिकार नहीं है. हालांकि कोर्ट के इस फैसले के बाद देशभर में इसको लेकर बवाल मचा था.

Also Read: Breaking News: NEET रिजर्वेशन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में आज राजनीतिक पार्टियों द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि तमिलनाडु में नीट(मेडिकल) के एग्जाम में ओबीसी (पिछड़ा वर्ग) को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाये. याचिका में कहा गया था कि कोर्ट अनुच्छेद 32 का उपयोग कर इसमें दखल दे.

कोर्ट ने क्या कहा– मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस रविन्द्र भट्ट की बैंच ने याचिकाकर्ता से कहा कि यह याचिका आप वापस लें. आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है, इसलिए हम इसपर सुनवाई नहीं करेंगे. आप यह याचिका लेकर हाईकोर्ट जाएं. वहीं पर इसकी सुनवाई होगी.

पूरा मामला क्या है- तमिलनाडु में नीट के एग्जाम में ओबीसी तबके के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की मांग की गई है. याचिका राज्य की प्रमुख राजनीतिक दल द्रमुक, अन्नाद्रमुक और कम्युनिस्ट पार्टी ने दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि ओबीसी को पूरा वर्ग को पूरे अधिकार नहीं मिल पाते हैं, जिस कारण से उन्हें 50 प्रतिशत आरक्षण देने की अनुमति दी जाये.

Posted By : Avinish Kumar Mishra

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