मणिपुर हिंसा में मारे गये जनजातीय लोगों के अंतिम संस्कार का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है. इस संबंध में ‘इंडिजीनियस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (आईटीएलएफ) ने जानकारी दी है. आईटीएलएफ अधिकारी ने बताया कि कुकी समुदाय की शीर्ष संस्था ने मणिपुर हिंसा में मारे गये जनजातीय लोगों के अंतिम संस्कार का कार्यक्रम गृह मंत्रालय से बातचीत के बाद स्थगित कर दिया है. इधर, मणिपुर हाई कोर्ट ने चुराचांदपुर में जातीय संघर्ष में मारे गये कुकी-जोमी लोगों के अंतिम संस्कार के लिए प्रस्तावित स्थल को लेकर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है.
इससे पहले खबर आयी थी कि मणिपुर में हुई जातीय हिंसा में मारे गए कुकी-जो समुदाय के 35 लोगों के शव आज यानी गुरुवार को चुराचांदपुर जिले के लम्का शहर में दफनाए जाएंगे. समुदाय का संगठन ‘इंडिजीनियस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (आईटीएलएफ) तुइबोंग शांति मैदान में अंतिम संस्कार की प्रक्रिया करा रहा था. आईटीएलएफ ने एक बयान में कहा था कि संगठन के अध्यक्ष पी. गिन हाओकिप इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करेंगे.
Also Read: ‘3 केंद्र शासित प्रदेश बनाने से रुक सकती है मणिपुर में हिंसा’, BJP विधायक ने कहा, जानें विस्तार से
संघर्ष में मारे गये 35 लोगों की अंत्येष्टि करने की योजना
मणिपुर हाई कोर्ट ने चुराचांदपुर जिले के हाओलाई खोपी गांव में उस प्रस्तावित स्थल को लेकर यथास्थिति बनाए रखने का गुरुवार को आदेश दिया, जहां कुकी-जो समुदाय के लोगों ने जातीय संघर्ष में मारे गये 35 लोगों की अंत्येष्टि करने की योजना बनायी थी. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम वी मुरलीधरन ने सुबह छह बजे सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया. इस बीच, कुकी-जो समुदाय का संगठन ‘इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (आईटीएलएफ) भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अनुरोध के बाद अत्येष्टि कार्यक्रम पांच दिन के लिए सशर्त स्थगित करने पर सहमत हो गया. उसने बताया कि मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने भी यही अनुरोध किया है.
अंत्येष्टि कार्यक्रम पांच और दिन स्थगित करने का अनुरोध
आईटीएलएफ ने कहा कि हमने एक नये घटनाक्रम के कारण कल रात से सुबह चार बजे तक बैठक की. एमएचए (गृह मंत्रालय) ने हमसे अंत्येष्टि कार्यक्रम पांच और दिन स्थगित करने का अनुरोध किया और यदि हम इस आग्रह को स्वीकार करते हैं तो हमें उसी स्थान पर अंतिम संस्कार करने की अनुमति मिल जाएगी तथा सरकार उसे इस कार्य के लिए वैध बना देगी. मिजोरम के मुख्यमंत्री ने भी ऐसा ही अनुरोध किया था. उसने कहा कि विभिन्न पक्षकारों के साथ देर रात लंबे विचार-विमर्श के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि हम गृह मंत्रालय के अनुरोध पर विचार करेंगे, बशर्ते वह हमारी पांच मांगों पर लिखित में आश्वासन दें.
खाली पड़े दो घरों में आगजनी
इधर, मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में बुधवार तड़के अज्ञात लोगों ने एक विशेष समुदाय के दो खाली घरों में आग लगा दी. एक अधिकारी ने बताया कि लंगोल इलाके में हुई घटना में दमकलकर्मी घटनास्थल पर पहुंचे और आग पर काबू पाया. साथ ही उन्होंने कहा कि इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. उन्होंने बताया कि यह घटना इस क्षेत्र में सुरक्षकर्मियों के पाली बदलने के दौरान हुई. उन्होंने बताया कि इंफाल वेस्ट क्षेत्र मेतई बाहुल्य जिला है जहां से अधिकतर आदिवासी निवासी मई में जातीय हिंसा शुरू होने के बाद अपने घर छोड़कर चले गये हैं. अधिकारी बताया कि सेना के जवान खाली पड़े इन घरों की सुरक्षा कर रहे थे। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) जवानों को घरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी थी. अधिकारी ने बताया कि उपद्रवियों ने तब घरों में आग लगाई जब सेना के जवान जा रहे थे और उनकी जगह सुरक्षा का प्रभार संभालने के लिए सीआरपीएफ जवान आ रहे थे.
इंफाल में कर्फ्यू में ढील की अवधि बढ़ाई गयी
एक आधिकारिक बयान में कहा गया मणिपुर सरकार ने कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार के मद्देनजर इंफाल पूर्व और पश्चिम जिलों में कर्फ्यू में छूट की अवधि एक घंटे बढ़ा दी है. अब दोनों जिलों में कर्फ्यू में ढील की अवधि सुबह पांच बजे से रात आठ बजे तक है. संबंधित जिलों के जिलाधिकारी कार्यालयों द्वारा जारी अलग-अलग आदेशों के अनुसार, कानून और व्यवस्था की स्थिति में काफी सुधार हुआ है और आम जनता को दवाओं और खाद्य पदार्थ सहित आवश्यक वस्तुओं की खरीददारी के लिए प्रतिबंध में ढील देने की आवश्यकता है. राज्य के अन्य जिलों थाउबल, काकचिंग और बिष्णुपुर में कर्फ्यू में छूट की अवधि सुबह पांच बजे से शाम पांच बजे तक ही रहेगी.
अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत
आपको बात दें कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
भाषा इनपुट के साथ
Agni Prime Missile : पहली बार रेल लॉन्चर से परीक्षण, मिसाइल भेद सकती है 2,000 किलोमीटर तक के टारगेट को
Watch Video: पानी में डूबे घर, टूटी सड़कें, उत्तरकाशी में बादल फटने से मची तबाही का नया वीडियो आया सामने
Uttarkashi Cloudburst: उत्तराखंड में कुदरत का कहर, अब तक 4 की मौत, सीएम धामी ने नुकसान का लिया जायजा
Heavy Rain Warning: अगले 3 से 4 घंटों के दौरान हिमाचल में भयंकर बारिश की संभावना, IMD अलर्ट जारी