G20 Summit 2023: ऐतिहासिक करार! चीन के बीआरआइ कॉरिडोर के जवाब में इकोनॉमिक कॉरिडोर

G20 Summit 2023: भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका ने शनिवार को साझा दुनिया के लिए समाधान प्रदान करने के वास्ते अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के प्रमुख मंच के रूप में जी20 के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी. भारत को मिली महत्वपूर्ण कामयाबी. जानें खास बातें

By Prabhat Khabar News Desk | September 10, 2023 7:51 AM
an image

G20 Summit 2023: जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन शनिवार को ऐतिहासिक भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर की घोषणा की गयी. इसमें भारत, अमेरिका, यूएइ, सऊदी अरब, फ्रांस, इटली, जर्मनी और यूरोपीय संघ की भागीदारी होगी. इस कॉरिडोर के जरिये अब भारत, पश्चिम एशिया और यूरोप रेल और पोर्ट के जरिये सीधे जुड़ जायेंगे. इसके बन जाने से भारत और यूरोप के बीच व्यापार में करीब 40% तक की वृद्धि होगी. इसे चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआइ) कॉरिडोर का जवाब माना जा रहा है.

इस कॉरिडोर का एलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और यूरोपीय संघ के नेताओं के साथ की. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि आज हम ऐतिहासिक साझेदारी पर पहुंच गये हैं. आने वाले समय में यह भारत, पश्चिम एशिया और यूरोप के आर्थिक एकीकरण का प्रभावी माध्यम बनेगा. वहीं, बाइडेन ने कहा कि अमेरिका हिंद महासागर की तरफ अंगोला से एक नयी रेल लाइन में निवेश करेगा. इससे नौकरिया पैदा होंगी और खाद्य सुरक्षा बढ़ेगी.

-ऐतिहासिक करार : चीन के बीआरआइ कॉरिडोर के जवाब में इकोनॉमिक कॉरिडोर

-अब पश्चिम एशिया के देश, भारत व यूरोप रेल और पोर्ट के जरिये सीधे जुड़ेंगे

-डेटा, रेलवे, पोर्ट, बिजली नेटवर्क और हाइड्रोजन पाइपलाइन का बिछेगा जाल

-भारत, अमेरिका, सऊदी, यूएइ, फ्रांस, इटली, जर्मनी व यूरोपीय संघ के बीच सहमति

-भारत की पहल पर अब अफ्रीकी संघ जी-20 का स्थायी सदस्य 55 देशों को मिलेगा फायदा

-अफ्रीकी संघ के स्थायी सदस्य बनने से जी-20 और ग्लोबल साउथ की आवाज होगी मजबूत

-अफ्रीकी संघ की सामूहिक जीडीपी लगभग तीन हजार अरब अमेरिकी डॉलर है

-यूरोपीय संघ के बाद अफ्रीकी संघ दूसरा बहुराष्ट्रीय समूह बना जी-20 का स्थायी सदस्य

-रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और स्पेन के सांचेज सम्मेलन में नहीं ले रहे भाग

प्रधानमंत्री की अपील- वैश्विक विश्वास की कमी को खत्म करें

प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को वैश्विक नेताओं से ‘वैश्विक विश्वास की कमी’ को खत्म करने का आग्रह किया. उन्होंने घोषणा की कि जी-20 के नयी दिल्ली घोषणापत्र पर सहमति बन गयी है और ‘नयी दिल्ली लीडर्स समिट डिक्लेरेशन’ को अपनाया गया है. भारत की जी-20 अध्यक्षता में यह एक महत्वपूर्ण कामयाबी है. साथ ही भारत की पहल पर अफ्रीकी संघ को जी-20 समूह की स्थायी सदस्यता दी गयी. समूह के सभी सदस्य देशों ने 55 सदस्यीय अफ्रीकी संघ को दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं की सूची में शामिल करने लिए प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया.

जी-20 में भी ‘भारत’

जी-20 सम्मेलन में पीएम मोदी के सामने रखे बोर्ड ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. दरअसल, पीएम के सामने रखे बोर्ड पर ‘भारत’ लिखा था. वहीं, बीते साल 15 नवंबर को इंडोनेशिया के बाली में जी-20 देशों का जो सम्मेलन हुआ था, उसमें मोदी के सामने रखे बोर्ड पर ‘इंडिया’ लिखा था.

भारत और यूरोप के बीच 40% बढ़ेगा व्यापार

प्रस्तावित कॉरिडोर से यूएइ, सऊदी, जॉर्डन और इस्राइल सहित पूरा मध्य पूर्व रेलवे और बंदरगाह से जुड़ जायेगा. इससे भारत और यूरोप के बीच व्यापार में 40% तक की तेजी आयेगी. इसके अलावा, अरब देशों और भूमध्य सागर के बीच भूमि-व्यापार मार्गों में तेजी लाने के लिए इस्राइल व खाड़ी देशों में चर्चा हुई.

अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष अजीली ने पीएम मोदी को लगाया गले

भारत ने अफ्रीकी संघ को जी-20 की स्थायी सदस्यता दिये जाने का प्रस्ताव पेश किया. बतौर अध्यक्ष सभी देशों की सहमति से पीएम मोदी ने जैसे ही इस प्रस्ताव को पारित किया, अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष अजीली असौमानी ने मोदी से हाथ मिलाया और उन्हें गले लगा लिया. भारत के इस प्रस्ताव का चीन और यूरोपियन संघ ने भी समर्थन किया.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version