सगे संबंधियों का रहा है क्रिमिनल रिकार्ड : दरअसल विकास एक नामचीन गैंगस्टर था. उसके भाई और अन्य सगे संबंधियों का भी क्रिमिनल रिकार्ड रहा है. इन सभी पर जुर्म के संगीन आरोप है. मुकदमें दर्ज है. इसके बाद भी पुलिस के इन अधिकारियों और कर्मियों ने विकास और उसके गुर्गों के लिए आर्मस् लाइसेंस बना दिये. वहीं जब यह बात सामने आयी तो उस समय के पुलिस अधिकारियों का रिकार्ड खंगाला जा रहा है.
अदालत में विकास दुबे और उसके सहयोगियों के खिलाफ कई मुकदमें चल रहे हैं. इनकी संगीन अपराधों का फेहरिस्त काफी लंबी है. ऐसे में पुलिस ने आंख बंदकर इनके आर्मस् लाइसेंस को स्वीकार कैसे कर लिया, या लाइसेंस स्वीकृत करने में मदद की. इसकी सिरे से जांच चल रही है.
हालांकि इस मामले में पुलिस तत्परता से काम कर रही है. पुलिस ने विकास के सगे संबंधियों और करीबियों के पास मौजूद हथियारों का लाइसेंस निरस्त करने की कवायद कर दी है. उम्मीद की जा रही है कि इस महीने हथियारों के लाइसेंस निरस्त कर दियों जाएंगे. इस मामले को लेकर कोर्ट ने विकास के सहयोगियों को पेशी का आदेश दिया था लेकिन कोर्ट कोई नहीं आया.
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डीएम कोर्ट की ओर से सभी को 19 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम दिया गया है. गौरतलब है कि, विकास दुबे की गिरफ्तारी इस साल नौ जुलाई को उज्जैन महाकाल मंदिर में हुई थी. एसटीएफ टीम के साथ यूपी पुलिस विकास को लेकर कानपुर आ रही थी. लेकिन 10 जुलाई की सुबह विकास एनकाउंटर में मारा गया.
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Posted by : pritish sahay