डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना काल में कई प्रतिबंधों के कारण अन्य लोकप्रिय तरीके, जैसे- सार्वजनिक स्थान, पार्क, खेल और जिम बंद हो गये थे. इसके बाद कोरोना काल में शारीरिक तंदुरुस्ती बनाये रखने के लिए पश्चिमी देशों समेत कई देशों में लोगों ने योग का सहारा लिया.
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सीमित स्थानों में अधिक समय बिताने के कारण भी तनाव के स्तर में वृद्धि देखी गयी है. ऐसे में योग शारीरिक तंदुरुस्ती को बनाये रखने के साथ-साथ मानसिक शांति को बेहतर करने के लिए भी एक बेहतर समाधान प्रदान करता है. मालूम हो कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है.
मालूम हो कि वैश्विक योग सम्मेलन का कार्यक्रम ‘मोक्षायतन योग संस्थान’ की ओर से भारत सरकार के आयुष मंत्रालय और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के साथ मिलकर 7वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को लेकर आयोजित किया गया था. उन्होंने कहा कि ”योग को दैनिक जीवन शैली का हिस्सा बनाते हुए पश्चिमी देशों में भी देखा जाता है.”
उन्होंने कहा कि ”मौजूदा वैश्विक महामारी काल में शारीरिक एवं मानसिक तंदुरुस्ती पर जोर दिया गया. इसके बाद पश्चिमी देशों में भी कई लोगों ने योग की ओर रुख किया.” इस वर्ष योग दिवस मनाने के लिए मुख्य संदेश ”योग करें, घर पर रहें” है.
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित होनेवाली सामूहिक गतिविधियां टाल दी गयी हैं. कोरोना महामारी को देखते हुए हम सभी के लिए जरूरी है कि हम अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए सभी सावधानियों पर अमल करें.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.