मंत्रिमंडल के चयन के लिए पार्टी की मंथन तेज
जानकारी हो कि विधायकदल की बैठक में भूपेन्द्र पटेल को विधायक दल का नेता चुना गया था. इससे पहले 8 दिसंबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद भूपेंद्र पटेल ने नई सरकार के गठन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए शुक्रवार को पूरे मंत्रिमंडल के साथ मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि मंत्रिमंडल तय करने के लिए पार्टी की मंथन तेज है. ऐसे में पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती जाति और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को साधने की है. मंत्रिमंडल में विजय रूपाणी और भूपेंद्र पटेल कैबिनेट के कुछ अनुभवी चेहरों को फिर से मौका दिए जाने की संभावना है. इसके साथ ही पार्टी युवाओं और महिलाओं को भी प्रतिनिधित्व देने की तैयारी में है. वहीं, हार्दिक पटेल के नाम को लेकर कहा जा रहा है कि फिलहाल उनके मंत्री बनने की संभावना ना के बराबर है.
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इन नामों की चर्चा तेज, दो महिलाएं भी है शामिल
बात अगर अबतक के चर्चित नामों की करें तो आदिवासी नेताओं में गणपत वासावा, नरेश पटेल, जीतू चौधरी, पीसी बरांडा (पूर्व आईपीएस), कुबेर डिंडोर और दर्शना देशमुख को जगह मिल सकती है. वहीं, SC समाज से रमनलाल वोरा को जगह मिलने की उम्मीद है. बात अगर पाटीदार की करें तो ऋषिकेश पटेल, राघवजी पटेल, वीनू मोरडिया, जयेश रादडिया अभी सबसे अधिक चर्चा में है. लेकिन वहीं, हार्दिक पटेल को मंत्रालय मिलने की संभावना फिलहाल ना के बराबर ही है. वहीं, ओबीसी चेहरों में अल्पेश ठाकोर, पुरुषोत्तम सोलंकी या उनके भाई हीरा सोलंकी, कुंवरजी बावलिया, जगदीश विश्वकर्मा, शंकर चौधरी और जैन समुदाय से हर्ष संधवी का नाम सबसे अधिक चर्चा में बना हुआ है. इसके अलावा, एक से दो महिलाओं को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. इनमें पायल कुकरानी या मनीषा वकील का नाम चर्चा में है.