मोदी का गुजरात विकास मॉडल
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के पीछे गुजरात मॉडल ने अहम बड़ी भूमिका निभायी. मोदी की अगुवाई में भाजपा ने 2014 का लोकसभा चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा और बड़ी जीत दर्ज की. पीएम मोदी के लिए गुजरात हमेशा से खास रहा है. यहां किये गए विकास कार्यों के दम पर उन्हें सालों तक जीत मिलती रही. वहीं, नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद अन्य मुख्यमंत्रियों ने भी राज्य के विकास पर अपना फोकस बनाये रखा. और इसका लाभ वर्तमान विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिलता दिख रहा है.
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अहमद पटेल की कमी कांग्रेस को खली
अहमद पटेल के न होने से कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ है. सोनिया गांधी के सबसे करीबी नेताओं में गिने जानेवाले और कांग्रेस के बड़े नेताओं में शामिल अहमद पटेल का निधन कोरोना काल में हो गया था. गुजरात से आनेवाले अहमद पटेल के नहीं रहने से कांग्रेस को गुजरात में नुकसान हुआ है. अहमद पटेल गुजरात यूनिट और कांग्रेस आलाकमान के बीच एक पुल की तरह काम करते थे, ऐसे में उनके स्तर के नेता की कमी पार्टी ने इन चुनावों में महसूस की.
मोदी के बाद गुजरात भाजपा में उभरे नये चेहरे
नरेंद्र मोदी साल 2014 में जब प्रधानमंत्री बने, तो सवाल उठने लगे कि गुजरात में भाजपा का क्या होगा. राज्य की सियासत में मोदी के बिना बीजेपी पहले की तरह अपना रुतबा कायम रख पाएगी? यहां तक कि कुछ सालों में कई मुख्यमंत्री बदलने से ऐसे कयास लगाये जाने लगे थे कि पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं है. पटेल आंदोलन की वजह से भी भाजपा की स्थिति डांवाडोल होने लगी थी. लेकिन नरेंद्र मोदी के बाद दूसरी पंक्ति के नेताओं ने पार्टी को मजबूती दी. इनमें मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, गृह मंत्री हर्ष सांघवी, अल्पेश ठाकोर, हार्दिक पटेल समेत कई नाम शामिल हैं. इनके दम पर 27 सालों के बाद भी पार्टी इतिहास रचने के करीब पहुंच गई है. हालांकि, देश में बीजेपी के सर्वोच्च नेता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चार्म और बढ़ा है. और चुनाव प्रचार के दौरान उनके रोड शो, रैलियों में उमड़ी भीड़ ने इस बात की तसदीक भी की.