Haryana Election: हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है. दोनों दल ने प्रत्याशी चयन में सामाजिक संतुलन साधने की कोशिश की है. भाजपा जहां दलित और गैर जाट वोटों को साधने की कोशिश में लगी है वहीं कांग्रेस जाट और दलितों को साधकर सत्ता हासिल करने की कवायद में जुटी है. कांग्रेस की कोशिश राज्य के दो प्रमुख समुदाय जाट और दलितों की गोलबंदी पर है. हरियाणा में जाट समुदाय के बाद सबसे अधिक संख्या दलितों की है. ऐसे में पार्टी विधानसभा चुनाव में किसी को मुख्यमंत्री को चेहरा पेश नहीं कर रही है. स्वयं को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाये जाने को लेकर शैलजा की सार्वजनिक बयान के बाद भी कांग्रेस हाईकमान ने इस ओर ध्यान न देते हुये उन्हें मनाने का प्रयास किया. क्योंकि कांग्रेस को आशंका थी कहीं इससे जाट समुदाय नाराज न हो जाये. इसी को देखते हुये कांग्रेस ने जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले भूपिंदर सिंह हुड्डा और दलित समाज की कुमारी शैलजा के चेहरे पर चुनाव लड़ने की रणनीति बनायी है. पार्टी का मानना है कि जाट और दलित की गोलबंदी से पार्टी राज्य की सत्ता पर काबिज हो सकती है. इस साल हुए लोकसभा चुनाव में जाट और दलितों का वोट बड़े पैमाने पर कांग्रेस को मिला, जिसके कारण पार्टी पांच सीटें जीतने में कामयाब रही थी. वैसे तो कुमारी शैलजा को हुड्डा का विरोधी माना जाता है, लेकिन कांग्रेस आलाकमान के कहने पर पार्टी हुड्डा और शैलजा के चेहरे को आगे रखकर विधानसभा चुनाव लड़ने पर सहमत हुई है.
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