हाथरस मामला : TMC सांसद ने पुलिस पर लगाया बड़ा आरोप, सदर SDM ने कहा- आरोप निराधार

नयी दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस में कथित सामूहिक बलात्कार पीड़िता के परिवार के सदस्यों से मिलने से उसके नेताओं को रोक दिया. इसके बाद तृणमूल नेता ने यूपी पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया. वहीं, एसडीएम ने सभी आरोपों को निराधार बताया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 2, 2020 3:37 PM
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नयी दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस में कथित सामूहिक बलात्कार पीड़िता के परिवार के सदस्यों से मिलने से उसके नेताओं को रोक दिया. इसके बाद तृणमूल नेता ने यूपी पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया. वहीं, एसडीएम ने सभी आरोपों को निराधार बताया.

तृणमूल कांग्रेस की ममता ठाकुर ने कहा कि ”हम उसके परिवार से मिलने जा रहे थे, लेकिन हमें अनुमति नहीं दे रहे थे. जब हमने जोर दिया, तो महिला पुलिसकर्मियों ने हमारे ब्लाउज को खींचा और हमारी सांसद प्रतिमा मंडल पर लाठीचार्ज किया. वह नीचे गिर गयी. पुरुष पुलिस अधिकारियों ने उसे छुआ. यह शर्मनाक है.

पुरुष कांस्टेबलों द्वारा महिला सांसदों को छुने के मामले में हाथरस सदर के एसडीएम प्रेम प्रकाश मीणा ने दावा किया कि आरोप पूरी तरह से झूठे हैं. महिला कांस्टेबलों ने उनसे वापस जाने का अनुरोध किया, क्योंकि किसी को भी गांव में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है. जब वे जबरन प्रवेश करने लगे, तो महिला कांस्टेबलों ने उन्हें रोका.

वहीं, पार्टी ने बयान जारी करके कहा कि पुलिस ने तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के प्रतिनिधि मंडल को पीड़िता के घर से करीब 1.5 किलोमीटर दूरी पर रोक दिया. बयान में कहा गया, ”उत्तर प्रदेश पुलिस ने तृणमूल के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को हाथरस में प्रवेश करने से रोक दिया.”

”प्रतिनिधिमंडल दिल्ली से करीब 200 किलोमीटर की यात्रा कर वहां पहुंचा था. तृणमूल के सांसद शोक संतप्त परिवार के प्रति एकजुटता और सहानुभूति व्यक्त करने के लिए हाथरस के गांव जा रहे थे. इस प्रतिनिधिमंडल में डेरेक ओ ब्रायन, डॉ काकोली घोष दस्तीदार, प्रतिमा मंडल और ममता ठाकुर (पूर्व सांसद) शामिल थे.”

जिन सांसदों को रोका गया, उनमें से एक सांसद ने कहा, ”हम परिवार से मिलने और सहानुभूति व्यक्त करने के लिए शांति से हाथरस जा रहे थे. हम अलग-अलग जा रहे थे और सभी नियमों का पालन कर रहे थे. हमारे पास हथियार नहीं थे. हमें रोका क्यों गया? यह किस प्रकार का जंगलराज है, जिसमें निर्वाचित सांसदों को शोकाकुल परिवार से मिलने से रोका गया.”

मालूम हो कि राहुल, प्रियंका और उनकी पार्टी के करीब 150 कार्यकर्ताओं को निषेधाज्ञा के कथित उल्लंघन के लिए बृहस्पतिवार को ग्रेटर नोएडा में उस समय कुछ देर के लिए हिरासत में लिया गया था, जब वे सामूहिक बलात्कार पीड़िता के परिजनों से मिलने हाथरस जा रहे थे.

गत 14 सितंबर को हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव की रहने वाली 19 वर्षीय दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था. लड़की को रीढ़ की हड्डी में चोट और जीभ कटने की वजह से पहले उसे अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. उसके बाद उसे दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल लाया गया था, जहां मंगलवार तड़के उसकी मौत हो गयी थी.

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