Heavy Rain Warning : अगस्त में भी बारिश का होगा तांडव, IMD ने पहले ही जारी कर दिया अलर्ट

Heavy Rain Warning: जुलाई का महीना खत्म हो गया है. अब हम नये महीने अगस्त में प्रवेश कर गए है. इस महीने भी भारी बारिश कई राज्यों में देखने को मिलेगी. जानें मौसम विभाग की ओर से क्या दी गई जानकारी.

By Amitabh Kumar | August 1, 2025 7:40 AM
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Heavy Rain Warning: भारत में मानसून के दूसरे चरण यानी अगस्त और सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश इलाकों में अगस्त में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है. वहीं, सितंबर में पूरे देश में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान जताया गया है. यह खेती और जल भंडारण के लिए सकारात्मक संकेत है.

देश में मानसून के पहले चरण यानी जून और जुलाई में सामान्य से अधिक वर्षा हुई तथा विशेषकर हिमाचल प्रदेश समेत कुछ राज्यों में अचानक बाढ़ आई. महापात्र ने कहा, “भौगोलिक दृष्टि से, देश के ज्यादातर भागों में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है. पूर्वोत्तर के कई भागों और पूर्वी भारत के समीपवर्ती क्षेत्रों के अलावा मध्य भारत के कुछ क्षेत्रों और प्रायद्वीपीय भारत के दक्षिण-पश्चिमी भागों में सामान्य से कम वर्षा होने का अनुमान है.’’

पूर्वोत्तर भारत में लगातार पांचवें साल सामान्य से कम वर्षा

देश में एक जून से 31 जुलाई तक 474.3 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि सामान्य आंकड़ा 445.8 मिमी है. आईएमडी प्रमुख ने बताया कि इस दौरान देश में भारी वर्षा की 624 और अत्याधिक वर्षा की 76 घटनाएं दर्ज की गईं, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे कम हैं. महापात्र ने कहा, ‘‘पूर्वोत्तर भारत में लगातार पांचवें साल सामान्य से कम वर्षा हुई है. पिछले 30 वर्षों में इन राज्यों में वर्षा की गतिविधियों में गिरावट दर्ज की गई है.’’

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96 से 104 प्रतिशत के बीच की बारिश को माना जाता है सामान्य

मई में आईएमडी ने अनुमान जताया था कि जून से सितंबर के दौरान भारत में दीर्घकालिक औसत 87 सेंटीमीटर वर्षा के 106 प्रतिशत के बराबर वर्षा हो सकती है. यह औसत पिछले 50 वर्षों पर आधारित है. 96 से 104 प्रतिशत के बीच की बारिश को सामान्य माना जाता है. भारत में मानसून कृषि क्षेत्र की रीढ़ है जो लगभग 42 प्रतिशत आबादी की आजीविका का आधार है और देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 18.2 प्रतिशत का योगदान करता है. इसके अलावा, यह पीने के पानी और बिजली उत्पादन के लिए जलाशयों को भरने में भी अहम भूमिका निभाता है.

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