Losar festival Kinnaur: किन्नौर जिले के पूह खंड के विभिन्न ग्रामीण इलाकों में इन दिनों लोसर पर्व की धूम है. यह किन्नौर की संस्कृति में बौद्ध धर्म के अनुसार नए साल के स्वागत का पर्व है. तीन दिनों तक सजने वाले इस मेले के जरिए ग्रामीण गर्मजोशी के साथ नववर्ष का आगाज करते हैं.
पूह खंड में बौद्ध के कैलेंडर के मुताबिक हर वर्ष दिसंबर और जनवरी माह में अलग-अलग तिथियों में अलग अंदाज में लोसर पर्व मनाया जाता है. पर्व का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक संस्कृति को संजोए रखने के साथ-साथ आपसी भाईचारे और रिश्तों को मजबूत बनाना और नए साल का गर्मजोशी के साथ नववर्ष का स्वागत करना होता है. इन दिनों पूह खंड के शुमसो वैली, स्पीलो, करला, कानम लाबरंग, पूह, नमज्ञा, डुबलिंग, खाब, लियो, चूलिंग, चांगो, शलखर के ग्रामीण क्षेत्रों में हजारों ग्रामीण इस विशेष पर्व को धूमधाम से मना रहे हैं.
लाबरंग पंचायत के पूर्व उपप्रधान ईश्वर सिंह नेगी, पूर्व प्रधान नमज्ञा नरबू छोरिया नेगी, पूर्व प्रधान पूह सुशील साना, प्रधान शलखर सुमन हारा ने कहा कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी लोसर पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. ग्रामीणों में पर्व को लेकर काफी उत्साह है.
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इस पर्व पर खान-पान भी विशिष्ट
रविवार को लोसर पर्व के पहले दिन गांव में घरों की छतों पर बौद्धमंत्रों के साथ बौद्ध झंडे लगाकर सुख-शांति, अमन और नए साल का स्वागत करते हुए लोसर मेले का आगाज किया गया. इस दौरान गांव के प्रत्येक घर में बाड़ी दु, ओगला और फाफरे के पारंपरिक व्यंजन बनाए और सब्जियों के साथ परोसे गए. इसके बाद ग्रामीण जुटे और तोषिम कार्यक्रम किया. इस दौरान किन्नौरी नाटी यानी कायंग का दौर चलता है. तीन दिन इस पर्व की पूह खंड में धूम रहेगी.
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