संगठन की जिम्मेदारी निभाने का अच्छा खासा अनुभव
आशा कुमारी हिमाचल की राजनीति का जाना पहचाना नाम होने के साथ साथ कांग्रेस की मौजूदा महिलाओं में वे सबसे अनुभवी चेहरा भी है. आशा कुमारी की सियासी पारी की शुरुआत छात्र राजनीति से हुई है. आशा कुमारी के पास छह बार विधायक चुने जाने के साथ संगठन की जिम्मेदारी निभाने का भी अच्छा खासा अनुभव है. आशा कुमारी का जन्म छत्तीसगढ़ में हुआ था और कहा जाता है कि उन्हें राजनीति के गुर अपनी मां से विरासत में मिली है.
1985 में पहली बार जीता था विधानसभा चुनाव
आशा कुमारी की शादी 1979 में चंबा रियासत के राजकुमार बृजेंद्र कुमार से हुई थी. इसके 6 साल बाद आशा कुमारी ने चंबा विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 1985 में पहली बार बीजेपी के ज्ञान धवन को मात दी थी. 1990 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था. लेकिन इसके बाद 1993, 1998 और 2003 तीन में लगातार तीन बार उन्होंने जीत दर्ज की. बता दें कि इसके बाद 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
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2017 में बीजेपी के डी एस ठाकुर को हराया
बता दें कि आशा कुमारी को हिमाचल की राजनीति का अच्छा खासा अनुभव है. बता दें कि उन्होंने 1993 से 1998 तक हिमाचल में मंत्री पद भी संभाला है. बात अगर 2017 के विधानसभा चुनाव की करें तो आशा कुमारी ने बीजेपी के डी एस ठाकुर को हराकर जीत हासिल की थी. उन्हें 24,224 वोट मिले थे, वहीं बीजेपी के डी एस ठाकुर को 23,668 वोट मिले थे. इसी तरह साल 2012 में भी उन्होंने बीजेपी की नेता रेनू को हराकर चंबा पर अपना कब्जा किया था.