PHOTOS: हिमाचल में बारिश का कहर, भूस्खलन के कारण अब तक 41 की मौत, 15 अगस्त को नहीं होगा सांस्कृतिक कार्यक्रम

हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर सोमवार को भी जारी है और कम से कम 41 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से नौ लोगों की मौत शिमला में भूस्खलन के बाद मलबे में दबने से हुई.

By ArbindKumar Mishra | August 14, 2023 5:30 PM
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शिमला के समर हिल इलाके में शिव मंदिर के मलबे में 15 लोगों के दबे होने की आशंका है. सावन का महीना होने के कारण हादसे के वक्त मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे. हमाचल में भारी तबाही के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपात बैठक बुलाई है. इधर आपदा को देखते हुए फैसला लिया गया है कि 15 अगस्त को कोई भी सांस्कृति कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा. बताया गया है कि बेहद सादे समारोह में 15 अगस्त को मनाया जाएगा.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि समर हिल इलाके में एक शिव मंदिर और फागली इलाके में एक अन्य स्थान पर भूस्खलन हुआ और मलबे से नौ शवों को बाहर निकाला गया है. फागली इलाके में कई मकान मिट्टी में धंस गए.

भारी बारिश के मद्देनजर सभी स्कूल और कॉलेज को सोमवार को बंद रखने का आदेश दिया गया है. राज्य के आपात अभियान केंद्र के अनुसार, आपदा के कारण राज्य में 752 सड़कें बंद कर दी गयी हैं. सोलन जिले के जादोन गांव में बादल फटने से रविवार रात को एक ही परिवार के सात सदस्यों की मौत हो गयी.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जिले में बादल फटने के बाद दो मकान बह गए. हादसे में छह लोगों को बचा लिया गया जबकि सात अन्य की मौत हो गयी. सोलन के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने बताया कि मृतकों की शिनाख्त हरनाम (38), कमल किशोर (35), हेमलता (34), राहुल (14), नेहा (12), गोलू (8) और रक्षा (12) के रूप में की गयी है.

सोलन के उपायुक्त मनमोहन शर्मा ने बताया कि जिले की बलेरा पंचायत में एक झोंपड़ी के भूस्खलन की चपेट में आने से दो बच्चों की मौत हो गयी. उनमें से एक का शव बरामद कर लिया गया है. रामशहर तहसील के बनाल गांव में भूस्खलन में एक अन्य महिला की मौत हो गयी. इधर हिमाचल प्रदेश के जुतोग और समर हिल रेलवे स्टेशनों के बीच 92/6-92/7 पर कालका-शिमला रेलवे ट्रैक भारी बारिश के कारण बह गया. जिसके बाद कंडाघाट-शिमला के बीच ट्रेनों की आवाजाही को रद्द कर दिया गया है.

मुख्यमंत्री ने शिमला के समर हिल इलाके में घटनास्थल का दौरा किया और कहा कि मलबे में दबे लोगों को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं. सुक्खू ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, शिमला से परेशान करने वाली खबर सामने आयी है जहां भारी बारिश के कारण समर हिल में शिव मंदिर ढह गया। अभी तक नौ शव बरामद किए गए हैं. स्थानीय प्रशासन लोगों को बचाने के लिए मलबा हटाने का काम कर रहा है. ओम शांति. उन्होंने एक अन्य पोस्ट में लिखा, विनाशकारी बारिश से शिमला के समरहिल इलाके में शिव मंदिर के समीप भूस्खलन हुआ जिसमें कई लोग मलबे में दब गए. कुछ लोगों की मौत हो गयी है। मैं घटनास्थल पर मौजूद हूं. मलबे में दबे लोगों को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं.

शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी ने बताया कि भूस्खलन की दो घटनाओं में कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है और बचाव अभियान चलाया जा रहा है.

हमीरपुर में उपायुक्त हेमराज बैरवा ने बताया कि जिले में मूसलाधार बारिश के कारण तीन लोगों की मौत हो गयी जबकि दो अन्य लापता हैं. उन्होंने जिले के सभी निवासियों से खराब मौसम के मद्देनजर खास एहतियात बरतने और अनावश्यक रूप से घर से बाहर निकलने से बचने की अपील की है. उन्होंने बताया कि बाढ़ में रविवार रात को एक व्यक्ति बह गया जबकि दो अन्य को बचा लिया गया। एक अन्य घटना में बारिश के कारण मकान ढहने से एक बुजुर्ग महिला मलबे में दब गयी जबकि उसके बेटे को बचा लिया गया. उन्होंने बताया कि जिले के रंगास इलाके में भूस्खलन में एक महिला की मौत हो गयी.

मंडी के उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने बताया कि जिले की सेघली पंचायत में रविवार देर रात को भूस्खलन में एक ही परिवार के सात सदस्यों की मौत हो गयी जिनमें दो साल का बच्चा भी शामिल है. तीन लोगों को बचा लिया गया. हिमाचल प्रदेश में रविवार से हो रही भारी बारिश से कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ जिससे प्रमुख शिमला-चंडीगढ़ मार्ग समेत कई सड़कें अवरुद्ध हो गयी. राज्य के आपात अभियान केंद्र के अनुसार, कुल 752 सड़कें अवरुद्ध हैं.

रविवार शाम से कांगड़ा में 273 मिलीमीटर, धर्मशाला में 250 मिमी, सुंदरनगर में 168 मिमी, मंडी में 140 मिमी, जब्बारहट्टी में 132 मिमी, शिमला में 126 मिमी, बरठी में 120 मिमी, धौलाकुआं में 111 मिमी और नाहन में 107 मिमी बारिश हुई. मौसम विभाग ने मंगलवार को भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया है और 18 अगस्त तक राज्य में बारिश का अनुमान जताया है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) मौसम की चेतावनी के लिए चार ‘रंगों के कोड’ का उपयोग करता है, जिसमें ‘हरा’ (कोई कार्रवाई आवश्यक नहीं), ‘पीला’ (देखें और तत्पर रहें), ‘नारंगी’ (तैयार रहें) और ‘लाल’ (कार्रवाई करें) शामिल हैं. स्थिति के अनुसार, इन रंगों के अलर्ट जारी किए जाते हैं. ये अलर्ट ‘ग्रीन अलर्ट’, ‘येलो अलर्ट’, ‘ऑरेंज अलर्ट’ और ‘रेड अलर्ट’ होते हैं.

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