सुरक्षा का जिम्मा
देखा और सुना जाता है. लेकिन, चंबा जिले के साथ लगने वाले जम्मू कश्मीर की सीमा पर इन दिनों तीन से चार फुट बर्फ में पुलिस के साथ सेवाएं देने वाले एसपीओ की तरफ आज तक किसी ने ध्यान नहीं दिया. पुलिस जवान सीमांत चेक पोस्ट लंगेरा में सुरक्षा का जिम्मा संभाले हैं. इन जवानों के लिए दूध और मैस में खत्म होने वाले खाद्य सामग्री एसपीओ ग्लेश्यिर पार करके और तीन फुट बर्फ में एक किलोमीटर पैदल चलकर ला रहे हैं. यह सफर एसपीओ को रोजाना तय करना पड़ता है.
एक आईटीबीपी जवान की मौत
बीते वर्ष इसी ग्लेशियर में दबने से एक आईटीबीपी जवान की मौत हो गई थी. तीन दिनों के बाद उसका शव मिला था. लेकिन, एसपीओ अपनी जान की परवाह किए बिना चेक पोस्ट पर डयूटी देने वाले पुलिस जवानों के लिए जरूरी सामान मुहैया करवा रहे हैं. हालांकि, पुलिस जवानों की सुविधा के लिए विभाग ने उन्हें जैकेट, बर्फ में चलने के लिए विशेष जूते उपलब्ध करवाता है. लेकिन, एसपीओ के लिए इस प्रकार की कोई सुविधा नहीं है. उन्हें सिर्फ छह हजार रुपये मासिक वेतन दिया जाता है. यानी सिर्फ दो सौ रुपये रोज. इसके अलावा कोई अतिरिक्त भत्ता नहीं मिलता. अपने नियमतीकरण और वेतन बढ़ोतरी को लेकर एसपीओ लंबे समय से मांग कर रहे हैं लेकिन, उनकी मांग को किसी भी सरकार ने पूरा नहीं किया. इससे उनमें भारी रोष है.
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कंधे से कंधा मिलाकर डयूटी
एसपीओ कल्याण संघ के अध्यक्ष श्याम ठाकुर ने बताया कि चंबा और जेएंडके की सीमा पर एसपीओ पुलिस जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर डयूटी कर रहे हैं. जवानों के लिए दूध और मेस का अन्य सामान एसपीओ ग्लेशियर को पार करके गांव से लाते हैं. सरकार को उनकी ईमानदारी और कर्त्वयनिष्ठा को देखते हुए उनके वेतन की ओर ध्यान देना चाहिए.