बता दें, सरयोलसर झील में लोग मन्नत के लिए झील के किनारे जूते उतार कर जाते हैं और पवित्र जल को पीते हैं. इस झील में माता की आराधना धूप, मुद्रा और पुष्प चढ़ा कर की जाती है, लेकिन तमाम सैलानी जूतों के साथ बर्फ से जमी हुई झील पर चल रहे हैं जो देव समाज व धार्मिक भावनाओं के विरुद्ध है. इसको लेकर मंदिर कमेटी ने भी नाराजगी जाहिर कर सैलानियों के खिलाफ सख्त हो गई है.
सूचना मिलते ही सरयोलसर पहुंची मंदिर कमेटी
इसकी सूचना मिलते ही बूढ़ी नागिन मंदिर कमेटी के लोग सोमवार को सरयोलसर पहुंच गए. उन्होंने सैलानी व अन्य लोगों से पवित्र झील में न जाने का आग्रह किया. मंदिर कमेटी के कारदार भागे राम ने बताया कि अगर कोई सैलानी या व्यक्ति झील के अंदर जाता पाया गया तो कमेटी उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करेगी. उन्होंने बताया कड़ाके की ठंड के कारण झील जम गई है. इसकी परत कभी टूट सकती है. जिससे सैलानी झील में डूब भी सकते हैं.
Also Read: PM Modi in Mandi: मंडी में पीएम मोदी ने कहा – हिमाचल में 11000 करोड़ की परियोजना से बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
सैलानियों को देव संस्कृति से अवगत कराना जरूरी
बंजार के सोझा घाटी के गंगे राम, सुरेश यादव व सुनील ने बताया कि पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को पर्यटकों को यहां के रीति-रिवाजों, देव समाज व संस्कृति के बारे में अवगत करवाना चाहिए. ताकि पवित्र जगहों की पवित्रता बनी रहे. उधर, एसडीएम बंजार हेम चंद वर्मा ने बताया है कि ऐसे सैलानियों के खिलाफ प्रशासन नियमानुसार कार्रवाई करेगा.