Amit Shah: ‘स्कूल के दिनों में ही जीवन के लक्ष्यों को निर्धारित करें’, महाराष्ट्र में गृह मंत्री ने दिया सुझाव
Amit Shah : शाह ने कहा कि अगर कोई जीवन में बहुत ऊंचा लक्ष्य निर्धारित करता है, तो उसे अच्छी आदतों से हासिल किया जा सकता है. उन्होंने छात्रों को नियमित व्यायाम, योगाभ्यास और स्वस्थ आहार लेने की सलाह देते हुए कहा कि अक्सर आलस के कारण इन पहलुओं की उपेक्षा की जाती है.
By Aditya kumar | February 19, 2023 8:14 PM
Amit Shah In Maharashtra : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि बच्चों को स्कूल में अपने जीवन के लक्ष्यों को निर्धारित कर उन्हें हासिल करने का प्रयास करना चाहिए. कोल्हापुर में एक स्कूल के छात्रों से बात करते हुए शाह ने कहा कि उनकी पत्नी पश्चिमी महाराष्ट्र शहर से हैं और यहीं एक स्थानीय स्कूल में पढ़ी हैं. उन्होंने कहा, ‘स्कूल के दिनों में जीवन के लक्ष्यों को निर्धारित करना चाहिए. यह आपको अपने जीवन की चुनौतियों से पार पाने में मदद करेगा.’
Kolhapur, Maharashtra| Before 2014, every minister in power considered themselves PM. There was high corruption. Pak terrorists used to butcher our army officers. Nobody had guts to take action against this terrorism. Law & order situation was worsening: HM & BJP leader Amit Shah pic.twitter.com/sQ0Fw34R4Q
शाह ने कहा कि अगर कोई जीवन में बहुत ऊंचा लक्ष्य निर्धारित करता है, तो उसे अच्छी आदतों से हासिल किया जा सकता है. उन्होंने छात्रों को नियमित व्यायाम, योगाभ्यास और स्वस्थ आहार लेने की सलाह देते हुए कहा कि अक्सर आलस के कारण इन पहलुओं की उपेक्षा की जाती है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘लगातार 21 दिन तक कोई एक काम करने से उसकी आदत बन जाती है. और अगर आप इसे 90 दिनों तक करते हैं, तो यह आदत जीवन भर रहती है. यह मनोविज्ञान का सिद्धांत है.’
गृह मंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह ने साथ ही कहा कि 2019 में, उद्धव ठाकरे ने हमारे साथ प्रचार किया लेकिन जब चुनाव के नतीजे आए, तो वे सभी विचारधाराओं को भूल गए और शरद पवार के पैरों पर गिर गए और उन्हें सीएम बनाने का अनुरोध किया. बीजेपी को सत्ता का लालच नहीं है और हम अपनी विचारधाराओं को कभी नहीं भूलेंगे. आगे उन्होंने कहा कि 2014 से पहले सत्ता में हर मंत्री खुद को पीएम मानता था. भारी भ्रष्टाचार था. पाक आतंकवादी हमारे सेना के अधिकारियों की हत्या करते थे. इस आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने की किसी में हिम्मत नहीं थी. कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती जा रही थी.