संसद के शीतकालीन सत्र(Winter session of Parliament) के दौरान राज्यसभा को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर की स्थिति से अवगत कराया है. राज्यसभा को गृह मंत्रालय ने बताया कि धारा 370(Article 370) हटने के बाद घाटी से किसी भी कश्मीरी पंडित या हिंदूओं को विस्थापित नहीं किया गया है. वहीं, गृह मंत्रालय ने ये भी बताया कि 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370(Article 370) को निरस्त किया गया था, उसके बाद से 30 नवंबर, 2021 के बीच कश्मीर में 366 आतंकवादी मारे गए हैं.
राज्यसभा को गृह मंत्रालय की तरफ से दिए लिखित जानकारी में कहा गया है कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद, घाटी से किसी भी कश्मीरी पंडित/हिंदू को विस्थापित नहीं किया गया है. हालांकि, हाल ही में कश्मीर में रहने वाले कुछ कश्मीरी पंडित परिवार, ज्यादातर महिलाएं और बच्चे, जम्मू क्षेत्र में चले गए हैं. ये सरकारी कर्मचारी के परिवार हैं. जिनमें से कई, अधिकारियों की आवाजाही और शैक्षणिक संस्थानों में सर्दियों की छुट्टियों के कारण सर्दियों में जम्मू चले जाते हैं.
आपको बता दें कि इससे पहले जम्मू-कश्मीर की उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने नवंबर में एक बयान जारी किया था. जिसमे उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में अगले दो साल में आतंकवाद समाप्त हो जाएगा.उन्होंने ये भी कहा था कि स्थितियां काफी बदल गई हैं. लेकिन कुछ तत्व स्थितियां बिगाड़ने की कोशिश कर ही है लेकिन इस बीच सरकार लगातार अपना काम कर रही है.
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वहीं, गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि 2018-2020 के दौरान ‘दंगों’ में पूरे 101 लोगों की मौत हो गई और 3,366 लोग घायल हो गए. वहीं, इन सब के अलावा केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनसीबी रिकॉर्ड के अनुसार राज्यसभा को बताया कि 2988.21 किलोग्राम हेरोइन की जब्ती से पहले गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह से कोई ड्रग्स जब्त नहीं किया गया था.