Muslim Women MP In Lok Sabha: आजादी के बाद से अब तक कितनी मुस्लिम महिलाएं लोकसभा पहुंचीं? संख्या जान रह जाएंगे दंग

Muslim Women MP In Lok Sabha: लोकसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व हमेशा से कम रहा है. उसमें भी मुस्लिम महिला सदस्यों की संख्या तो और भी कम रही है. आजादी के बाद से केवल 18 मुस्लिम महिलाएं ही संसद के निचले सदन में पहुंच सकी हैं. इस बात का खुलासा एक नयी पुस्तक में हुआ है.

By ArbindKumar Mishra | July 20, 2025 6:39 PM
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Muslim Women MP In Lok Sabha: आजादी के बाद से लोकसभा में पहुंचने वाली 18 में से 13 महिलाएं राजनीतिक परिवारों से हैं. राजपरिवार से लेकर चाय विक्रेता से राजनेता बने व्यक्ति की पत्नी और प्रथम महिला से लेकर बंगाली अभिनेत्री तक, लोकसभा में कदम रखने वाली 18 मुस्लिम महिलाएं कई क्षेत्रों से पहुंची हैं. इन 18 मुस्लिम महिलाओं की कहानी एक पुस्तक – ‘मिसिंग फ्रॉम द हाउस – मुस्लिम वीमेन इन द लोकसभा’ में लिखी गई है. यह पुस्तक वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई और अंबर कुमार घोष ने लिखी है.

सभी 18 मुस्लिम महिला सांसदों में थी एक समानता

इन महिलाओं में से प्रत्येक महिला की अपनी एक दिलचस्प पृष्ठभूमि रही है, लेकिन एक बात सभी महिलाओं में समान थी – सत्ता तक पहुंचने का उनका रास्ता हमेशा संघर्ष और बाधाओं से भरा रहा था.

20 मुस्लिम महिला सांसदों का जिक्र करना वाहते थे किदवई

किदवई कहते हैं कि वह निचले सदन में पहुंचने वाली 20 मुस्लिम महिलाओं का विवरण अपनी पुस्तक में दर्ज करना चाहते थे, लेकिन उनमें से दो महिलाएं – सुभासिनी अली और आफरीन अली – ने स्पष्ट तौर पर दावा किया था कि वे इस्लाम का पालन नहीं करती हैं.

5 बार एक भी मुस्लिम महिलाएं जीतकर नहीं पहुंचीं

किदवई और घोष ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि देश में 1951-52 में हुए पहले संसदीय चुनावों के बाद से केवल 18 मुस्लिम महिलाएं ही लोकसभा में पहुंच पाई हैं. उनका कहना है कि यह एक चौंकाने वाला और निराशाजनक आंकड़ा है, क्योंकि भारत की 146 करोड़ की आबादी में मुस्लिम महिलाओं की संख्या लगभग 7.1 प्रतिशत है. इस पुस्तक के मुताबिक, 2025 तक गठित 18 लोकसभाओं में से पांच बार ऐसा हुआ है, जब लोकसभा में एक भी मुस्लिम महिला सदस्य नहीं चुनी गईं.

मुस्लिम महिलाओं की संख्या कभी भी चार के आंकड़े को पार नहीं कर पाई

पुस्तक में बताया गया है कि समान रूप से चौंकाने वाला तथ्य यह है कि 543 सीट वाले संसद के निचले सदन में एक कार्यकाल में संसद के लिए निर्वाचित मुस्लिम महिलाओं की संख्या कभी भी चार के आंकड़े को पार नहीं कर पाई.

5 दक्षिणी राज्यों से अब तक एक भी मुस्लिम महिला सांसद लोकसभा नहीं पहुंचीं

पुस्तक में यह भी उल्लेख किया गया है कि 5 दक्षिणी राज्यों – केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना – में से किसी ने भी अभी तक लोकसभा में एक भी मुस्लिम महिला सांसद को नहीं भेजा है.

लोकसभा पहुंचने वाली 18 मुस्लिम महिलाओं की सूची

लोकसभा में पहुंचने वाली 18 मुस्लिम महिलाओं में मोफिदा अहमद (1957, कांग्रेस); जोहराबेन अकबरभाई चावड़ा (कांग्रेस, 1962-67); मैमूना सुल्तान (कांग्रेस, 1957-67); बेगम अकबर जहां अब्दुल्ला (नेशनल कॉन्फ्रेंस, 1977-79, 1984-89), रशीदा हक (कांग्रेस 1977-79); मोहसिना किदवई (कांग्रेस, 1977-89); आबिदा अहमद (कांग्रेस, 1981-89); नूर बानो (कांग्रेस, 1996, 1999-2004); रुबाब सईदा (समाजवादी पार्टी, 2004-09); और महबूबा मुफ्ती (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, 2004-09, 2014-19) शामिल हैं. तबस्सुम हसन (समाजवादी पार्टी, लोक दल, बहुजन समाज पार्टी 2009-14) हैं; मौसम नूर (तृणमूल कांग्रेस 2009-19); कैसर जहाँ (बहुजन समाज पार्टी, 2009-14); मुमताज संघमिता (तृणमूल कांग्रेस 2014-19), सजदा अहमद (तृणमूल कांग्रेस 2014-24); रानी नाराह (कांग्रेस, 1998-2004, 2009-14); नुसरत जहां रूही (तृणमूल कांग्रेस, 2019-24) और इकरा हसन (समाजवादी पार्टी, 2024-वर्तमान) हैं.

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