Hyderabad Liberation Day: 17 सितंबर को हर साल मनाया जाएगा हैदराबाद मुक्ति दिवस, शाह बोले- शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि
Hyderabad Liberation Day: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने हर साल 17 सितंबर को ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है. मंगलवार को इसकी घोषणा भी कर दी गई. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसको लेकर बुधवार को एक्स पर पोस्ट किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसको लिए बधाई दी. उन्होंने हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाने के फैसले को शहीदों की सच्ची श्रद्धांजलि बताया.
By ArbindKumar Mishra | March 13, 2024 6:55 PM
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, यह एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि पीएम मोदी ने हैदराबाद मुक्ति आंदोलन के शहीदों के सम्मान में हर साल 17 सितंबर को हैदराबाद मुक्ति दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है. यह निर्णय स्वतंत्रता सेनानियों के लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि है और वे शहीद जिन्होंने हैदराबाद क्षेत्र को क्रूर निजाम शासन से मुक्त कराकर भारत का हिस्सा बने रहने के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया.
It is a historic day as PM @narendramodi Ji has decided to celebrate the 17th of September every year as Hyderabad Liberation Day in honour of the martyrs of the Hyderabad Liberation Movement.
The decision is a befitting tribute to the freedom fighters and the martyrs who made…
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) March 13, 2024
‘ऑपरेशन पोलो’ के बाद 17 सितंबर 1948 को हैदराबाद को मिली थी आजादी
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि 15 अगस्त, 1947 को भारत की आजादी के बाद 13 महीने तक हैदराबाद को आजादी नहीं मिली और वह निजाम के शासन में था.‘ऑपरेशन पोलो’ नामक पुलिस कार्रवाई के बाद 17 सितंबर, 1948 को यह क्षेत्र निजाम के शासन से मुक्त हो गया था. अधिसूचना में कहा गया, क्षेत्र के लोगों की ओर से मांग की गई कि 17 सितंबर को हैदराबाद मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाए. हैदराबाद को आजाद कराने वाले शहीदों को याद करने और युवाओं के मन में देशभक्ति की लौ जगाने के लिए भारत सरकार ने हर साल 17 सितंबर को हैदराबाद मुक्ति दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है. निजामों के शासन के अधीन तत्कालीन हैदराबाद रियासत को 17 सितंबर, 1948 को तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा शुरू की गई सैन्य कार्रवाई के बाद भारत संघ में मिला लिया गया था.