आजादी, समानता, सामाजिक सौहार्द और सद्भावना संविधान के मुख्य स्तंभ : राजनाथ सिंह
नयी दिल्ली : संविधान विविधता में अनुशासन और एकता सिखाता है. आजादी, समानता, सामाजिक सद्भाव और सद्भावना इसकी नींव हैं. प्रस्तावना का पहला शब्द, 'हम' अपने आप में बहुत कुछ कहता है. हमें इसे समझना है और दूसरों को भी समझना है. 'न्यू इंडिया' के निर्माण में यह आवश्यक है. उक्त बातें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कही.
By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2020 3:26 PM
नयी दिल्ली : संविधान विविधता में अनुशासन और एकता सिखाता है. आजादी, समानता, सामाजिक सद्भाव और सद्भावना इसकी नींव हैं. प्रस्तावना का पहला शब्द, ‘हम’ अपने आप में बहुत कुछ कहता है. हमें इसे समझना है और दूसरों को भी समझना है. ‘न्यू इंडिया’ के निर्माण में यह आवश्यक है. उक्त बातें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कही.
Constitution teaches discipline & unity in diversity. Liberty, equality, social harmony & goodwill are its foundation. Preamble's first word, 'We', says a lot in itself. We've to understand it & make others understand too. It's essential in building 'New India': Defence Minister pic.twitter.com/7UrXFQdVbw
जानकारी के मुताबिक, एक कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अगले सप्ताह संविधान दिवस मनाया जा रहा है. यह दिवस मनाना संविधान के प्रति विश्वास और एकजुटता व्यक्त करना है.
मालूम हो कि 26 नवंबर, 1949 को हमारा संविधान बनकर तैयार हुआ था. संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ भीमराव आंबेडकर के 125वें जयंती वर्ष के रूप में साल 2015 से संविधान दिवस मनाया जा रहा है.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि संविधान ने ही हमें एकसूत्र में बांध रखा है. यह हमारी परंपरा और सांस्कृतिक विरासत है. हमारा संविधान ”लोगों के लिए और लोगों द्वारा तैयार” किया हुआ है. इसमें भारत के सभी लोग शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि संविधान हमें एकता, ईमानदारी, अनुशासन और विविधता की शिक्षा देता है. उन्होंने युवाओं से संविधान के बुनियादी सिद्धांतों से समाज को जागरूक करने का आह्वान किया. साथ ही नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को बताने की जरूरत पर भी बल दिया.