India-Pakistan Border: भारत पहली बार गुजरात में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सामरिक रूप से महत्वपूर्ण सर क्रीक और ‘हरामी नाला’ क्षेत्र में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) जवानों के लिए स्थायी बंकर का निर्माण कर रहा है. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.
निगरानी चौकियों के निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपये मंजूर
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने क्षेत्र में पाकिस्तानी मछुआरों और मछली पकड़ने वाली नौकाओं की घुसपैठ के मद्देनजर, भुज सेक्टर के साथ इस इलाके में आठ बहुमंजिला बंकर सह निगरानी चौकियों के निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं.
250 करोड़ रुपये की हेरोइन और 2.49 करोड़ रुपये की चरस जब्त
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सीमा सुरक्षा बल ने 2022 में गुजरात के इस क्षेत्र से 22 पाकिस्तानी मछुआरों को पकड़ा और मछली पकड़ने में काम आने वाली 79 नौकाओं के साथ ही 250 करोड़ रुपये की हेरोइन और 2.49 करोड़ रुपये की चरस जब्त की.
तीन टॉवरों का हो रहा निर्माण
सूत्रों ने बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच 4,050 वर्ग किमी में फैले दलदली सर क्रीक क्षेत्र में तीन टॉवरों का निर्माण हो रहा है वहीं केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) 900 वर्ग किमी में फैले ‘हरामी नाला’ क्षेत्र में पांच ऐसे ढांचों का निर्माण करेगा.
रडार के लिए होगी जगह
उन्होंने कहा कि- 42 फुट ऊंचे ऊर्ध्वाधर बंकरों में से प्रत्येक के शीर्ष तल में निगरानी उपकरणों और रडार के लिए जगह होगी ताकि क्षेत्र पर नजर रखी जा सके. अधिकारियों ने बताया कि- बाकी दो मंजिलों में साजोसामान रखने की क्षममा के साथ 15 सशस्त्र बीएसएफ कर्मियों के लिए स्थान होगा.
भारतीय भूभाग पर बनाए जा रहे बंकर
अधिकारियों के अनुसार, ये बंकर क्रीक क्षेत्र के पूर्वी हिस्से में भारतीय भूभाग पर बनाए जा रहे हैं. बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि- सर क्रीक क्षेत्र में तीन बंकरों के निर्माण को मार्च तक पूरा करने के लिए काम कर रहे श्रमिकों को बल की एक टुकड़ी सुरक्षा प्रदान कर रही है. उन्होंने कहा कि- अप्रैल से समुद्र काफी अशांत हो जाता है और इस वजह से काम युद्धस्तर पर चल रहा है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया था दौरा
पिछले साल अप्रैल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात में सीमा क्षेत्र का दौरा किया था और उसी दौरान बंकर बनाने का फैसला किया गया था. तत्कालीन बीएसएफ महानिदेशक (डीजी) पंकज कुमार सिंह और वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रस्तुति दी थी कि क्रीक क्षेत्र और भारत एवं पाकिस्तान के बीच दलदली जल निकाय के जरिए घुसपैठ की आशंका रहती है और बीएसएफ का सुरक्षा तंत्र वहां से काफी पीछे स्थित है.
स्थायी आधार की जरूरत
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि- बीएसएफ ने बताया कि उसे सामने नजर रखने के लिए एक स्थायी आधार की जरूरत है. क्रीक क्षेत्र दुर्गम क्षेत्र है और वहां का मौसम भी बहुत प्रतिकूल है. वहां जहरीले सांप और बिच्छू मिलते हैं. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि- बीएसएफ जवानों को गश्त के दौरान नंगे पैर चलना पड़ता है क्योंकि, गीले इलाके में जूते पहनकर नहीं चला जा सकता.
Agni Prime Missile : पहली बार रेल लॉन्चर से परीक्षण, मिसाइल भेद सकती है 2,000 किलोमीटर तक के टारगेट को
Watch Video: पानी में डूबे घर, टूटी सड़कें, उत्तरकाशी में बादल फटने से मची तबाही का नया वीडियो आया सामने
Uttarkashi Cloudburst: उत्तराखंड में कुदरत का कहर, अब तक 4 की मौत, सीएम धामी ने नुकसान का लिया जायजा
Heavy Rain Warning: अगले 3 से 4 घंटों के दौरान हिमाचल में भयंकर बारिश की संभावना, IMD अलर्ट जारी