राजनयिक और दूतावास सम्मेलनों का उल्लंघन
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमारे कुछ वाणिज्य दूतावास अधिकारियों को हाल ही में कनाडा सरकार द्वारा सूचित किया गया था कि वे ऑडियो और वीडियो निगरानी में हैं और अभी भी हैं. उनके संचार को भी बाधित किया गया है. हमने कनाडा सरकार के समक्ष औपचारिक रूप से विरोध किया है, क्योंकि हम इन कार्यों को प्रासंगिक राजनयिक और वाणिज्य दूतावास सम्मेलनों का घोर उल्लंघन मानते हैं.”
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रणधीर जायसवाल आगे कहते हैं, “तकनीकी बातों का हवाला देकर, कनाडा सरकार इस तथ्य को उचित नहीं ठहरा सकती कि वह उत्पीड़न और धमकी में लिप्त है. हमारे राजनयिक और वाणिज्य दूतावास कर्मी पहले से ही उग्रवाद और हिंसा के माहौल में काम कर रहे हैं. कनाडा सरकार की यह कार्रवाई स्थिति को और खराब करती है और स्थापित राजनयिक मानदंडों और प्रथाओं के साथ असंगत है.”
भारत-कनाडा संबंध प्रभावित
पिछले साल यानी 2023 के सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Prime Minister Justin Trudeau) की ओर से खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की “संभावित” संलिप्तता के आरोप लगाया गया. इसके बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में गंभीर तनाव आ गया था. भारत ने जस्टिन ट्रूडो के आरोपों को “बेतुका” और “प्रेरित” बताकर सिरे खारिज कर दिया. भारत यह कहता रहा है कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा अपनी धरती से संचालित खालिस्तान समर्थक तत्वों को बिना किसी दंड के जगह दे रहा है.
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भारत ने हरदीप सिंह निज्जर को आतंकवादी घोषित किया है. इसका पिछले साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्या की जांच आरसीएमपी द्वारा की जा रही है. इस बीच, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) वर्तमान में नामित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू से जुड़े 6 मामलों की जांच कर रही है. पन्नू भारत की ओर से नामित आतंकवादी है. इसके पास अमेरिका के साथ-साथ कनाडा की भी नागरिकता है. भारत ने कनाडा के आरोपों को सिरे से खारिज करने के बाद 6 कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया. वही कनाडा से अपने उच्चायुक्त (हाई कमिश्नर) संजय वर्मा और अन्य अधिकारियों को वापस बुला लिया.