India China Tension: लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर भारत-चीन में तनाव की स्थिति जारी है. कई स्तर की वार्ता के बाद चीनी सेना ने कुछ क्षेत्रों को खाली कर दिया मगर देपसांग और पैंगोग इलाके में चीनी सेना पीछे हटने के नाम नहीं ले रही है. इस बीच, अमेरिका ने भारत के बेहद करीब वाले इलाके में अपने घातक परमाणु बमवर्षक विमान तैनात कर दिए हैं.
ऐसी रिपोर्ट सामने आई थी कि चीन भारत की सीमा से लगे अपने इलाके में नए हवाई ठिकाने बना रहा है. यही नहीं चीन ने लद्दाख के पास स्थित अपने सैन्य ठिकानों पर अपनी परमाणु मिसाइल डीएफ-26 को तैनात कर दिया है. चीन की इस जोरदार सैन्य तैयारी का करारा जवाब देने के लिए अब अमेरिका भी भारत की मदद के लिए साथ आता दिख रहा है. अमेरिका ने लद्दाख के बेहद करीब स्थित अपने नौसैनिक अड्डे डियागो गार्सिया (हिंद महासागर) पर परमाणु बम गिराने में सक्षम बमवर्षक विमान ( बी-2 स्प्रिट स्टील्थ बॉम्बर) तैनात कर दिए हैं.
अमेरिकी बी-2 स्प्रिट दुनिया का सबसे खतरनाक बम वर्षक विमान माना जाता है. एक बॉम्बर में कई टन बम तैनात किए जा सकते हैं.अमेरिका इराक, अफगानिस्तान तथा लीबीया में इनकी सेवाएं ले चुका है. अमेरिका का डियागो गार्सिया नौसेना बेस भारत के साथ-साथ पूरे हिंद महासागर के लिए खास है. ताइवान के उत्तर में चीनी लाइव-फायरिंग नौसैनिक अभ्यास की पूर्व संध्या पर डिएगो गार्सिया के हिंद महासागर द्वीप में इन तीन बमवर्षक विमानों की तैनाती कर दी गई है.
यह पहली बार है जब परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम बमवर्षक को 2016 के बाद से दूरदराज के द्वीप पर भेजा गया है. ताइवान के प्रति चीन के इरादों को भांपते हुए अमेरिका ने यह कदम उठाया है. दरअसल चीन लगातार न केवल भारत से लगी सीमा पर अपने हवाई अड्डे बना रहा है बल्कि ताइवान और दक्षिण चीन सागर में भी अपनी सक्रियता को लगातार बढ़ा रहा है.
बेहद खास है बी-2 स्प्रिट स्टील्थ बॉम्बर
द ड्राइव की खबर के मुताबिक, 29 घंटे की यात्रा कर बी-2 स्प्रिट स्टील्थ बॉम्बर डियागो गार्सिया पहुंचे हैं. इन विमानों की खासियत ये है कि ये अपनी उन्नत स्टील्थ तकनीक के साथ, बी -2 वायु-रक्षा रडार को अलर्ट किए बिना दुश्मन के क्षेत्र में प्रवेश कर सकता हैं. अमेरिका हिंद महासागर इलाके में अपनी तैनाती को मजबूत कर रहा है क्योंकि यहां चीन भी अपना प्रभुत्व जमाने की कोशिशों में जुटा हुआ है जिसे लेकर दोनों देशों के बीच तनाव चरण पर है.
अमेरिकी लेफ्टिनेंट कर्नल क्रिस्टोफर कॉनट ने कहा कि हम इस महत्वपूर्ण स्थान डियागो गार्सिया पर लौटने पर काफी उत्साहित हैं. यह बॉम्बर टास्क फोर्स कार्रवाई में हमारी राष्ट्रीय रक्षा रणनीति है. हम प्रमुख सहयोगियों और साथियों के साथ संबंधों को मजबूत कर रहे हैं. एक वैश्विक महामारी के बावजूद, हम बेहद घातक और लंबी दूरी तक किसी भी समय और कहीं भी हमला करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.
Posted By: Utpal kant
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