नयी दिल्ली : भारतीय और चीन के बीच लद्दाख में तनाव अब तक कम नहीं हुआ है, हालांकि दोनों सेनाओं के शीर्ष कमांडरों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों के जल्द पीछे हटने को सुनिश्चित करने के लिए पांचवें चरण की बातचीत चल रही है.
इस बीच खबर आ रही है कि चीन ने चीनी सेना (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) लगातार सीमा पर अपनी ताकत बढ़ाती जा रही है. ओपन इंटेलिजेंस सोर्स Detresfa के हवाले से खबर है कि चीनी एयरफोर्स काशगर एयरपोर्ट पर तैनात हैं. साथ ही Detresfa ने ताजा तसवीर जारी की है उसके अनुसार चीन ने वहां बॉम्बर भी तैनात किया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन ने अपने एयरबेस पर 6 शियान H-6 बॉम्बर तैनात किये हैं और 12 शियान Jh-7 फाइटर बॉम्बर व 4 शेनयान्ग J11/16 फाइटर प्लेन भी तैनात हैं. जिसकी रेंज 3530 किलोमीटर बतायी जा रही है. बताया जा रहा है कि लद्दाख से उस एयरबेस की दूरी 600 किलोमीटर है. जबकि H-6 बॉम्बर की रेंज 6000 किलोमीटर बतायी जहा रही है. चीन की ये बॉम्बर परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं.
इस बीच भारत और चीनी सैनिकों के बीच सीमा पर शांति को लेकर बातचीत जारी है. सूत्रों ने बताया कि दो महीने के भीतर कोर कमांडर स्तर की पांचवें चरण की वार्ता हुई. जिसका लक्ष्य पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो इलाके में पांच मई को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के कारण सीमा पर उत्पन्न तनाव को खत्म करना है.
Investigating reports regarding #China's PLA Air-force deployments at #Kashgar Airport, satellite images spot strategic long range bombers along with other assets on site, factoring in the distance from #Ladakh, the deployment could be part of the #IndiaChinaFaceOff pic.twitter.com/Jm9VvSETFe
— Damien Symon (@detresfa_) August 2, 2020
कोर कमांडर स्तर की पिछली वार्ता 14 जुलाई को हुई थी, जो करीब 15 घंटे तक चली थी. बातचीत में, भारतीय पक्ष ने चीनी सेना (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) को बहुत स्पष्ट संदेश दिया था कि पूर्वी लद्दाख में पहले की स्थिति बरकरार रखी जाई और उसे इलाके में शांति बहाल करने के लिए सीमा प्रबंधन के संबंध में उन सभी प्रोटोकॉल का पालन करना होगा, जिनपर परस्पर सहमति बनी है.
गौरतलब है कि 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद स्थिति बिगड़ गई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. चीनी पक्ष के सैनिक भी हताहत हुए थे लेकिन इस बारे में चीन द्वारा अब तक कोई ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराया गया है. अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के 35 सैनिक हताहत हुए थे. गलवान घाटी घटना के बाद, सरकार ने सशस्त्र बलों को वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास किसी भी चीनी दुस्साहस का करारा जवाब देने की पूरी छूट दे दी. सेना ने झड़पों के बाद सीमा के पास अग्रिम स्थानों पर हजारों की संख्या में अतिरिक्त सैनिक भेजे. भारतीय वायु सेना ने भी प्रमुख हवाई सैन्य अड्डों पर वायु रक्षा प्रणालियों और अपने अग्रिम मोर्चे के कई लड़ाकू विमान एवं हमलावर हेलीकॉप्टर भेजे थे.
Posted By – Arbind Kumar Mishra
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