India Pakistan Conflict: भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर तनाव गहरा गया है. पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा की गई निर्णायक कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान की ओर से आक्रामक रुख देखने को मिला. इसी बीच पाकिस्तान के निर्वासित नेता और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के संस्थापक अल्ताफ हुसैन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की अपील की है.
अल्ताफ हुसैन ने उठाया मुहाजिरों का मुद्दा
लंदन में एक कार्यक्रम के दौरान अल्ताफ हुसैन ने पीएम मोदी से अनुरोध किया कि वे बंटवारे के बाद भारत से पाकिस्तान गए उर्दू भाषी शरणार्थियों (मुहाजिरों) के उत्पीड़न को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाएं. उनका आरोप है कि पाकिस्तान सरकार और सेना लंबे समय से मुहाजिरों के साथ भेदभाव कर रही है और उन्हें अब तक पूरी तरह वैध नागरिक का दर्जा नहीं दिया गया.
अल्ताफ ने दावा किया कि सैन्य अभियानों में अब तक 25,000 से ज्यादा मुहाजिर मारे जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में मुहाजिरों की आवाज को कुचला जा रहा है और उनके अधिकारों का लगातार हनन हो रहा है.
میں نے اپنے لائیوخطاب میں بھارتی وزیراعظم کو مخاطب کیوں کیا؟
— Altaf Hussain (@AltafHussain_90) May 27, 2025
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27،مئی 2025ء
میں نے گزشتہ روزمورخہ26،مئی 2025ء کوبھارتی وزیراعظم نریندر مودی کوکوئی خط نہیں لکھاتھا بلکہ اپنے لائیو خطاب میں نریندر مودی صاحب کو مخاطب کیاتھاجسے نریندرمودی صاحب کےنام میراخط… pic.twitter.com/yEx6YnByMx
पीएम मोदी ने पाकिस्तान को घेरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में पाकिस्तान को आतंकवाद को लेकर कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि 6 मई की रात मारे गए आतंकियों को पाकिस्तान में राजकीय सम्मान दिया गया. उनके जनाजों में पाकिस्तानी सेना के अधिकारी शामिल हुए और ताबूतों पर पाकिस्तानी झंडे लगाए गए. यह दिखाता है कि पाकिस्तान किस हद तक आतंकवाद को बढ़ावा देता है.
पहलगाम में कैबिनेट की बैठक करने के पीछे क्या है वजह?
उमर अब्दुल्ला सरकार के कार्यकाल में यह पहली बार है जब मंत्रिमंडल की बैठक सामान्य ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर या शीतकालीन राजधानी जम्मू के बाहर हुई. पहलगाम का चयन इस पर्यटन नगरी के निवासियों के साथ एकजुटता दर्शाने के लिए किया गया है, जहां 22 अप्रैल को भीषण आतंकी हमले के बाद से पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है. इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे. अधिकारियों ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक राष्ट्र विरोधी और असामाजिक तत्वों को यह सीधा संदेश देने की दृष्टि से अधिक महत्वपूर्ण है कि जम्मू और कश्मीर में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है.
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