क्या होती है ‘काली बारिश’?
परमाणु विस्फोट के बाद जो एक खतरनाक प्राकृतिक प्रक्रिया होती है, उसे ‘काली बारिश’ या रेडियोधर्मी बारिश कहा जाता है. यह बारिश सामान्य पानी की नहीं होती, बल्कि इसमें रेडियोएक्टिव कण, धूल, राख और अन्य जहरीले तत्व मौजूद होते हैं जो विस्फोट के बाद वातावरण में फैलते हैं.
क्यों होती है काली बारिश?
जब परमाणु बम फटता है, तो उसकी अत्यधिक गर्मी और ऊर्जा आसपास की हर चीज़ को वाष्प में बदल देती है. यह वाष्पित कण वायुमंडल में ऊपर उठते हैं और फिर भारी होकर नीचे गिरते हैं लेकिन तब तक वे रेडियोधर्मी हो चुके होते हैं. इन जहरीले कणों के साथ जब बारिश होती है, तो वह ‘काली’ होती है जो देखने में भी अंधेरी होती है और त्वचा को जला सकती है.
क्या असर होता है?
- इस बारिश की बूंदों से शरीर में जलन, त्वचा का झुलसना और घातक बीमारियों का खतरा रहता है.
- रेडिएशन के कारण ल्यूकेमिया, कैंसर, गर्भस्थ शिशुओं में दोष जैसी गंभीर समस्याएं सामने आती हैं.
- खेतों, पानी और हवा में रेडियोधर्मी ज़हर फैलने लगता है जो सालों तक असर करता है.
जापान में दिख चुका है इसका उदाहरण
हिरोशिमा और नागासाकी में हुए परमाणु हमलों के बाद ठीक ऐसी ही काली बारिश हुई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वहां 80,000 से ज्यादा लोगों की मौत विस्फोट से तुरंत हुई, जबकि हजारों लोग बाद में रेडिएशन और काली बारिश के असर से मरे.