ब्रह्मपुत्र मेगा डैम पर भारत ने उठाए पर्यावरणीय प्रभाव के सवाल, चीन ने दिया भरोसा

Brahmaputra Mega Dam: चीन द्वारा तिब्बत में यारलुंग त्सांगपो (ब्रह्मपुत्र) नदी पर मेगा जलविद्युत बांध बनाने की योजना पर भारत ने गहरी चिंता व्यक्त की है. भारत ने चेतावनी दी है कि इस परियोजना से निचले बहाव वाले देशों, विशेष रूप से भारत और बांगलादेश, पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. शुक्रवार को भारत ने […]

By Aman Kumar Pandey | January 5, 2025 7:36 AM
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Brahmaputra Mega Dam: चीन द्वारा तिब्बत में यारलुंग त्सांगपो (ब्रह्मपुत्र) नदी पर मेगा जलविद्युत बांध बनाने की योजना पर भारत ने गहरी चिंता व्यक्त की है. भारत ने चेतावनी दी है कि इस परियोजना से निचले बहाव वाले देशों, विशेष रूप से भारत और बांगलादेश, पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. शुक्रवार को भारत ने कहा कि उसने इस मुद्दे को चीन के समक्ष उठाया है और आग्रह किया है कि किसी भी निर्माण कार्य से पहले निचले बहाव वाले देशों के हितों का ध्यान रखा जाए. भारत की चिंता है कि बांध का निर्माण जलवायु परिवर्तन, पर्यावरणीय क्षति और निचले इलाकों में जल संकट उत्पन्न कर सकता है.

शनिवार को चीन ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस परियोजना को दशकों तक विस्तार से अध्ययन किया गया है और इसका उद्देश्य पारिस्थितिकीय संतुलन बनाए रखना और नकारात्मक प्रभावों से बचना है. चीन के दूतावास ने बयान में कहा कि जलविद्युत परियोजनाओं के लिए किए गए अध्ययन में पारिस्थितिकीय सुरक्षा का खास ध्यान रखा गया है, और परियोजना निचले बहाव क्षेत्रों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं डालेगी.

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन की भारत यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर भी चर्चा की जाएगी. यह यात्रा 5-6 जनवरी को होगी, जिसमें भारत-अमेरिका द्विपक्षीय सहयोग और चीन द्वारा बनाए गए बांधों के पर्यावरणीय प्रभाव पर बातचीत की जाएगी. अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि चीन द्वारा निर्मित जलविद्युत बांधों के पर्यावरण और जलवायु पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं, जैसा कि मेकोंग क्षेत्र में देखा गया है.

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता यू जिंग ने कहा कि परियोजना के लिए सभी सुरक्षा उपायों पर दशकों तक अध्ययन किया गया है और यह सुनिश्चित किया गया है कि निचले बहाव क्षेत्रों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े. भारत और बांगलादेश, जो पहले से ही इस परियोजना को लेकर चिंतित हैं, इसे निचले बहाव क्षेत्रों में संभावित जलवायु समस्याओं का कारण मानते हैं.

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