शेड्यूलिंग मुद्दों की वजह से रद्द हुआ शिखर सम्मेलन
हालांकि, इससे पहले ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में इस बात की चर्चा की गई थी कि यूक्रेन युद्ध और उसमें परमाणु हथियार के इस्तेमाल की पुतिन की धमकी के मद्देनजर भारत-रूस शिखर सम्मेलन को फिलहाल टाल दिया गया है. लेकिन, समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि परमाणु खतरे की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमी पुतिन की मुलाकात टलने वाली खबर निराधार है. दरअसल, भारत-रूस शिखर सम्मेलन शेड्यूलिंग संबंधी अड़चनों की वजह से रद्द किया गया है.
साल 2000 से बरकरार है शिखर सम्मेलन की निरंतरता
बताते चलें कि भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन भारतीय प्रधानमंत्री और रूसी राष्ट्रपति के संवाद और दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी का सर्वोच्च संस्थागत संवाद तंत्र है. सूत्रों ने कहा कि नई दिल्ली और मॉस्को के बीच शेड्यूलिंग संबंधी अड़चनों की वजह से भारत-रूस शिखर सम्मेलन को रद्द किया गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि भारत और रूस के बीच होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन की निरंतरता वर्ष 2000 से लगातार जारी है. इन 22 सालों में पहली बार दोनों देशों के बीच होने वाली यह वार्षिक बैठक नहीं होगी. वर्ष 2021 में भारत-रूस शिखर सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित किया गया था और हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात हुई थी.
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सितंबर में हुई थी मोदी-पुतिन की मुलाकात
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 के आखिर महीने में भारत-रूस के बीच होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मॉस्को के दौरे पर जाना था, क्योंकि पिछले साल वर्ष 2021 के शिखर सम्मेलन में व्लादिमीर पुतिन ने भारत का दौरा किया था. कोरोना महामारी के चलते वर्ष 2020 का शिखर सम्मेलन आभासी माध्यम से आयोजित किया गया था. 2021 में नई दिल्ली में होने वाले शिखर सम्मेलन के दौरान असॉल्ट राइफल एके-203 के खरीद के लिए समझौता किया गया था. इस साल के सितंबर महीने में समरकंद में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी और व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात हुई थी.