IRCTC and Indian Railways News : रेलयात्रियों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए सेंट्रल रेलवे ने बड़ी राहत दी है. यात्रियों को यह राहत कैंसल टिकट (Ticket Cancellation) के रिफंड के लेकर मिली है. अब यात्री यात्रा की तारीख से छह महीने तक काउंटर से अपना पैसा वापस ले सकते हैं. दरअसल सेंट्रल रेलवे ने पहले ट्वीट कर जानकारी दी थी कि लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) के दौरान रद्द कि जाने वाली ट्रेनों की टिकट का पैसा 30 जून तक वापस लिया जा सकता है. रेलवे द्वारा यह जानकारी दिये जाने के बाद से टिकट काउंटर्स पर टिकट रिफंड को लेकर भारी भीड़ जमा हो रही थी. हालांकि रेलवे ने ऑनलाइन टिकट (Online Train Ticket) रिफंड की भी सुविधा दी थी. पर इस दौरान लाखों टिकट रद्द हुए थे इसके कारण टिकट काउंटर में भीड़ लगातार बढ़ रही थी.
टिकट का पैसा वापस लेने के काउंटर्स पर जुटी भीड़ के कारण सामाजिक दूरी के नियमों के पालन का उल्लंघन हो रहा था. कोरोना वायरस से बचने के लिए सरकार द्वारा जारी किये गये दिशा-निर्देश का उल्लंघन हो रहा था. इसे देखते हुए रेलवे ने अब साफ कर दिया है कि कैंसिल टिकटों का रिफंड यात्रा की तारीख के बाद 6 महीने तक लिया जा सकेगा. इसलिए जल्दबाजी के चक्कर में यात्री रेलवे के काउंटर्स पर भीड़ न लगाये.
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इसी बीच रेल यात्रा से डरने वाले लोगों के लिए एक अच्छी खबर आयी है. जी हां, सरकार के अनुसार, पिछले वर्ष के दौरान इंडियन रेलवे का अबतक का सबसे अच्छा सुरक्षा प्रदर्शन रहा है. अप्रैल, 2019 के बाद से रेल दुर्घटना में एक भी यात्री की जान नहीं गयी है. इस संबंध में रेल मंत्रालय की ओर से एक रिलीज जारी किया गया है. इस रिलीज के अनुसार भारतीय रेलवे ने अप्रैल 2019- मार्च 2020 के दौरान अब तक का सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा रिकॉर्ड दर्ज किया है. इस वर्ष भी (01.04.2019 से 08.06.2020 तक) किसी रेल दुर्घटना में किसी भी यात्री की मृत्यु नहीं हुई है. भारत में 166 वर्ष पहले 1853 में रेलवे प्रणाली शुरू होने के बाद से वर्ष 2019-2020 में पहली बार रेलवे ने यह उपलब्धि हासिल की है. रेलवे से जुड़ी हर Breaking News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.
रेल मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि पिछले 15 महीनों में एक भी यात्री की मृत्यु न होना सभी मामलों में सुरक्षा प्रदर्शन में सुधार लाने की दिशा में भारतीय रेल द्वारा निरंतर किए गए प्रयासों का परिणाम है. सुरक्षा हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता होती है, इसलिए सुरक्षा की स्थिति में सुधार लाने के लिए किए गए उपायों में मानव युक्त रेलवे क्रॉसिंग को हटाया जाना, रोड ओवर ब्रिज (आरओबी)/ रोड अंडर ब्रिज(आरयूबी) का निर्माण,पुलों का जीर्णोद्धार, सबसे अधिक पटरियों का नवीकरण, वर्ष के दौरान सेल से अधिकतम रेलों की आपूर्ति, पटरियों काप्रभावी रखरखाव, सुरक्षा पहलुओं की कड़ी निगरानी, रेलवे कर्मचारियों का बेहतर प्रशिक्षण, सिग्नल प्रणाली में सुधार, सुरक्षा कार्यों के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग, परम्परागत आईसीएफ कोचों से आधुनिक और सुरक्षित एलएचबी कोचों में रुपांतरण आदि शामिल हैं.