आईएनएस मोरमुगाओ के कमीशनिंग समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस जनरल अनिल चौहान, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, गोवा के राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लई, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए. भारत को हिन्द महासागर में चीन चुनौती देता रहता है ऐसे में आईएनएस मोरमुगाओ के नौसेना में शामिल हो जाने से चीन भी खौफ में है.
खतरनाक उपकरणों से लैस है युद्धपोत: हिंद महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी के बीच अपनी समुद्री क्षमता को बढ़ावा देने के लिए स्वदेश निर्मित मिसाइल विध्वंसक आईएनएस मोरमुगाओ को नौसेना में शामिल होकर भारतीय नौसेना की ताकत में कई गुणा इजाफा कर दिया है. भारतीय नौसेना के मुताबिक, यह युद्धपोत दूर संवेदी उपकरणों, आधुनिक रडार और सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली घातक मिसाइल जैसी हथियार प्रणालियों से लैस है.
सबसे घातक स्वदेशी युद्धपोत: यह दुश्मनों के रडार को भी चकमा देने में पूरी तरह सक्षम है. यह 300 किमी दूर के टारगेट को बड़ी आसानी से भेद सकता है. यह युद्धपोत बराक और ब्रह्मोस मिसाइल से लैस है. नौसेना ने बताया कि इस युद्धपोत की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर तथा वजन 7,400 टन है. इसे भारत द्वारा निर्मित सबसे घातक युद्धपोतों में गिना जा सकता है.
और क्या है खूबी: मोरमुगाओ पोत को चार शक्तिशाली गैस टर्बाइन गति देता है. युद्धपोत 30 समुद्री मील से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम है. नौसेना ने कहा कि पोत की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को देश में ही विकसित किया गया है तथा पोत में रॉकेट लॉन्चर, टारपीडो लॉन्चर और एसएडब्लू हेलीकॉप्टर की व्यवस्था है. पोत आणविक, जैविक और रासायनिक युद्ध परिस्थितियों के दौरान लड़ने में भी सक्षम है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुंबई में नौसेना को सौंपेंगे युद्धपोत: भारत में बना यह युद्धपोत दुश्मनों के छक्के छुड़ाने में काफी है. इसका नाम पश्चिमी तट पर स्थित गोवा बंदरगाह शहर के नाम पर मोरमुगाओ नाम रखा गया है. वहीं, चार विशाखापत्तनम श्रेणी के विध्वंसकों में से दूसरे विध्वंसक को नौसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया जायेगा. इसकी डिजाइन भारतीय नौसेना के स्वदेशी संगठन ने तैयार की है तथा निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने किया है.
भाषा इनपुट के साथ
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