क्‍या मातोश्री मस्‍जिद है ? राज ठाकरे ने हनुमान चालीसा विवाद पर कही ये बात

पुणे में मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि दो दिन पहले, मैंने अपनी अयोध्या यात्रा स्थगित करने के बारे में ट्विटर पर लिखा. मैंने जानबूझकर ट्विटर पर बयान दिया ताकि सभी को अपनी प्रतिक्रिया देने का मौका मिल सके. जो लोग मेरी अयोध्या यात्रा के खिलाफ थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 22, 2022 12:41 PM
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महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने पुणे में रविवार को रैली की और अपने विरोधियों पर जमकर बरसे. रैली को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने कहा कि मैं लोगों से अपील की थी कि आप लाउडस्‍पीकर पर हनुमान चालीसा पढ़ें. इसके बाद राणा दंपती ने कहा कि वे मातोश्री के सामने हनुमान चालीसा पढ़ेंगे. क्‍या मातोश्री मस्‍जिद है ? उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि राणा दंपती और शिव सेना के कार्यकर्ताओं के बीच क्‍या हुआ. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के दावे पर मुझे हंसी आती है. उद्धव ठाकरे खुद को असली हिंदू बताते हैं. ये उनका बचकाना वाला दावा है.

जल्द से जल्द समान नागरिक संहिता लाया जाए

मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने आगे अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मैं प्रधानमंत्री से आग्रह करना चाहता हूं कि देश में जल्द से जल्द समान नागरिक संहिता लाने का काम करें. जनसंख्या नियंत्रण पर भी कानून केंद्र सरकार लेकर आए. उन्होंने कहा कि औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर कर दिया जाए.


अयोध्या यात्रा पर क्‍या बोले राज ठाकरे

पुणे में मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि दो दिन पहले, मैंने अपनी अयोध्या यात्रा स्थगित करने के बारे में ट्विटर पर लिखा. मैंने जानबूझकर ट्विटर पर बयान दिया ताकि सभी को अपनी प्रतिक्रिया देने का मौका मिल सके. जो लोग मेरी अयोध्या यात्रा के खिलाफ थे, वे मुझे फंसाने का प्रयास करते नजर आये, लेकिन मैंने इस विवाद में नहीं पड़ने का फैसला किया.

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राज ठाकरे की रैली को लेकर पुलिस का दिशा-निर्देश

यहां चर्चा मनसे प्रमुख राज ठाकरे की रविवार को पुणे में होने वाली रैली के सिलसिले में पुलिस ने कई दिशा-निर्देश जारी किये थे. स्वरगेट पुलिस थाने की ओर से जारी किये गये निर्देशों के अनुसार राज ठाकरे के भाषण से किसी समुदाय का अपमान नहीं होना चाहिए और लोगों में द्वेष पैदा नहीं होना चाहिए. पुलिस की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, मनसे की रैली के आयोजकों द्वारा निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए. रैली के प्रतिभागियों को ऐसा भाषण नहीं देना चाहिए जिससे किसी भी समुदाय का अपमान हो या समुदायों के बीच तनाव पैदा हो.

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