जनवरी में इसरो अपने 100वें मिशन के रूप में उन्नत नेविगेशन उपग्रह NVS-02 को लॉन्च करेगा. यह प्रक्षेपण GSLV रॉकेट के जरिए किया जाएगा. इसके बाद गगनयान मिशन के तहत मानव रहित परीक्षण उड़ान में ‘व्योममित्र’ को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. यह मिशन गगनयान के मानव मिशन की तैयारी का एक महत्वपूर्ण कदम है.
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मार्च में भारत और अमेरिका द्वारा विकसित NISAR उपग्रह को लॉन्च किया जाएगा. इस उपग्रह की लागत ₹12,505 करोड़ है, जो इसे अब तक का सबसे महंगा उपग्रह बनाती है. यह उपग्रह हर 12 दिन में पृथ्वी की सतह और बर्फ की निगरानी करेगा, जिसमें उच्च रेजोल्यूशन की क्षमताएं होंगी.
इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने बताया कि 2025 में इसरो चार GSLV, तीन PSLV और एक SSLV रॉकेट लॉन्च करेगा. उन्होंने कहा कि यह वर्ष भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाई पर ले जाएगा. मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसरो की उपलब्धियों पर जोर देते हुए कहा कि एक समय अमेरिका चंद्रमा मिशन में व्यस्त था और आज इसरो अमेरिकी उपग्रहों को लॉन्च कर रहा है. 2025 न केवल इसरो की तकनीकी प्रगति का गवाह बनेगा, बल्कि भारत की अंतरिक्ष शक्ति को वैश्विक स्तर पर और अधिक सशक्त करेगा.