ISRO: विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में स्पेस क्षेत्र की भूमिका है अहम

निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करने के बाद अगले पांच साल में स्पेस क्षेत्र 8 बिलियन डॉलर से बढ़कर 44 बिलियन डॉलर का हो जायेगा. देश को वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने में स्पेस क्षेत्र की भूमिका महत्वपूर्ण होगी. मौजूदा सरकार इस दिशा में मजबूती से काम कर रही है

By Anjani Kumar Singh | February 25, 2025 8:04 PM
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ISRO: देश का स्पेस क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है. निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करने के बाद अगले पांच साल में स्पेस क्षेत्र 8 बिलियन डॉलर से बढ़कर 44 बिलियन डॉलर का हो जायेगा. देश को वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने में स्पेस क्षेत्र की भूमिका महत्वपूर्ण होगी. मौजूदा सरकार इस दिशा में मजबूती से काम कर रही है और इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2013-14 में स्पेस क्षेत्र के लिए 5615 करोड़ रुपये आवंटित किया गया था, जो वर्ष 2025-26 में बढ़कर 13416 करोड़ रुपये हो गया. मोदी सरकार आने के बाद स्पेस क्षेत्र के कामकाज में व्यापक बदलाव आया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पेस क्षेत्र के विकास के लिए कई अहम फैसले लिए. 

केंद्र सरकार ने स्पेस क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोल दिया और इससे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा मिला. सरकार के इस फैसले से सरकारी और निजी कंपनियों में स्पेस क्षेत्र के विकास के लिए मिलकर काम करने पर सहमति बनी. स्पेस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड और स्पेसई का गठन कर इनोवेशन और संभावनाओं का नया द्वार खोलने का काम किया. सरकार के प्रयासों के कारण स्पेस क्षेत्र में स्टार्टअप को बढ़ावा मिला और कई स्टार्टअप की वैश्विक स्तर पर पहचान बन गयी है. 


भारत का स्पेस मिशन दुनिया में बन रहा है मिसाल


केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन(इसरो) के कारण भारत दुनिया का ऐसा पहला देश बना जो चांद में दक्षिणी हिस्से पर पहुंच पाया. हैरानी की बात है कि इसरो की यात्रा ऐसे समय शुरू हुई, जब कई देश चांद पर मानव को भेजने में सफल हो चुके है. लेकिन आज इसरो स्पेस एक्सप्लोरेशन के क्षेत्र में दुनिया में सबसे कम कीमत पर तकनीक मुहैया करा रहा है और कई देशों के स्पेस मिशन को अंजाम दे रहा है. उन्होंने कहा कि भारत का चंद्रयान मिशन अन्य देशों के ऐसे मिशन पर खर्च होने वाली राशि का आधा भी है. आज इसरो स्पेस, साइंस और तकनीक के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में शुमार हो गया है.

इसरो के कारण देश के विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक बदलाव आया है. इसरो के कारण देश में स्वामित्व योजना सफलता से काम कर रही है. सेटेलाइट मैपिंग और ड्रोन से लैंड रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण हाे रहा है. इसरो देश में संचार और कनेक्टिविटी को बेहतर करने में मददगार साबित हुआ है. आने वाले समय में इसरो की मदद से देश हिमालय, समुद्री संसाधनों का उचित दोहन करने में सफल होगा.

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