Rajouri Encounter: घर आने का वादा पूरा नहीं कर पाये शहीद अब्दुल माजिद, बोले चाचा- देश भक्ति हमारे खून में

Jammu and Kashmir's Rajouri Encounter : हवलदार माजिद के परिवार में उनकी पत्नी सगेरा बी. और तीन बच्चे हैं. माजिद की पत्नी ने कहा कि अभी एक दिन पहले उसने मुझे कॉल किया. शहीद माजिद ने पत्नी से जल्द घर वापस आने का वादा किया था.

By Amitabh Kumar | November 24, 2023 12:48 PM
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Jammu and Kashmir’s Rajouri Encounter : जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में जो मुठभेड़ चल रही थी, उसकी समाप्ति की खबर आ रही है. मुठभेड़ में सेना के पांच जवान शहीद हो गए हैं. वहीं, सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों को मार गिराया. मुठभेड़ को लेकर उत्तरी कमान कमांडर इन चीफ उपेन्द्र द्विवेदी ने कहा कि हमारे जवानों ने जो कार्रवाई की है इसमें शहादत तो हुई है लेकिन हमने दो खूंखार आतंकवादियों को ढेर कर दिया है. ये वही आतंकी हैं जिन्होंने डांगरी, कांडी या रजौरी में निहत्थे नागरिकों की हत्या की थी इसलिए इन्हें खत्म करना जरूरी था. उन्होंने कहा कि ऐसा हो सकता है कि इनकी ट्रेनिंग कई देशों में हुई हो, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी इन्होंने ट्रेनिंग ली हो, ऐसा हो सकता है. ये लोग काफी ट्रेन्ड थे इसलिए इन्हें खत्म करने में थोड़ा समय लगा. इस मुठभेड़ के बाद एक जवान की चर्चा लोग ज्यादा कर रहे हैं जिसका नाम अब्दुल माजिद है. वह आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गये है. माजिद एक पैरा कमांडो थे जिनका परिवार एलओसी पर जीरो-लाइन और सीमा बाड़ के बीच स्थित अजोट गांव में निवास करता है. जैसे ही जवान के शहीद होने की खबर गांव पहुंची वहां मातम पसर गया. परिजनों का जहां रो-रो कर बुरा हाल है. वहीं, उन्हें अपने लाल की शहादत पर गर्व भी है.

भाई भी हो चुका है देश के लिए शहीद

बात करें शहीद माजिद की तो उनके परिवार ने पहले भी देश के लिए शहादत दी है. न्यूज वेबसाइट एनडी टीवी ने उनके परिवार से बातचीत के आधार पर जो खबर दी है उसके अनुसार माजिद के भाई भी जम्मू कश्मीर लाइट इन्फेंट्री (जेकेएलआई) के सैनिक थे. वे साल 2017 में पुंछ के एक इलाके में शहीद हुए थे. माजिद के परिवार के लोगों ने कहा कि हम देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. सेना की जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फेंट्री (जेकेएलआई) से सिपाही पद से माजिद के चाचा मोहम्मद यूसुफ रिटायर हैं. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमारा परिवार देश की रक्षा करने के लिए हमेशा तत्पर रहता है. हम एलओसी पर रहने वाले सैनिक परिवार से हैं. हमारे परिवार के 30 से 40 ऐसे सदस्य हैं, जो भारतीय सेना में सेवारत हैं या सेवानिवृत्त हो चुके हैं.

माजिद की पत्नी ने कहा कि अभी एक दिन पहले उसने मुझे कॉल किया. शहीद माजिद ने पत्नी से जल्द घर वापस आने का वादा किया था. उसने कहा था कि वह जल्द ही घर आएगा. पत्नी ने कहा कि मैंने उसे कई बार फोन किया लेकिन उसका मोबाइल बंद था. शाम को, सेना ने मुझे बताया कि मुठभेड़ में वह घायल हो गया है और अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है. इसके बाद जो खबर आई वो हमारे लिए बहुत बुरी थी. माजिद के शहीद होने की खबर से पूरा घर सदमे में है.

सुरंग की तस्वीर आई सामने

आतंकियों और जवानों के बीच करीब 36 घंटे मुठभेड़ चली. इस मुठभेड़ के बाद जब इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया तो हथियार बरामद हुआ. यही नहीं यहां एक सुरंगनुमा गड्ढा मिला है. बताया जा रहा है कि आतंकी इसी में छिपे थे. जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए पांच जवानों को सेना और पुलिस ने शुक्रवार को सुबह श्रद्धांजलि दी. सुरक्षा बलों के साथ 36 घंटे तक चली मुठभेड़ में अफगानिस्तान में प्रशिक्षित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक शीर्ष कमांडर सहित दो आतंकवादी ढेर कर दिये गये हैं.

ये जवान हुए शहीद

आतंकियों से मुकाबला करते हुए अपनी जान न्योछावर करने वाले शहीदों में- कर्नाटक के मंगलोर के निवासी कैप्टन एम वी प्रांजल (63 राष्ट्रीय राइफल्स), उत्तर प्रदेश के आगरा के निवासी कैप्टन शुभम गुप्ता (9 पैरा), जम्मू-कश्मीर के पुंछ के निवासी हवलदार अब्दुल माजिद, उत्तराखंड के नैनीताल रहने वाले लांस नायक संजय बिष्ट और उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के पैराट्रूपर सचिन लौर हैं. जैसे ही इनके शहीद होने की खबर घर तक पहुंची, इनके परिवार का रो-रोकर बुरा हाल हो गया.

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